زه کوم آخوند يا مفتي نه یم! خو د نظر خاوند یم.

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7/17/14

د پښتو ژبی لنډۍ

 

 


جانان په هيڅ نه رضا کيږي

د دروغجن ملا دې ورک شي تعويذونه
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جانان زما زه د جانان يم
که په بازار مې خرڅوي ورسره ځمه
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جانان زما سره پښتو کړي
چې سترګې توري کړي لکۍ ورته پرېږدينه
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جانان مې ستوری د اسمان دی
نه ورختی شم نه مې زړه صبر کوينه
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جانان مې لاړو اسماني شو
اسمان چې ځمکې ته راځي قيامت به وينه
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جانانه تور څادر په سر کړه
ځان مرور کړه چې جرګه دروليږمه
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جانانه ته خو داسې نه وي
د چا خبرې دې ضرور منلي دينه
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جانانه ته خوداسې نه وې
ښايي جواري دې دبل چاخوړلي دينه
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جانانه خپل وطن ته راشه
پردی وطن د مېړو قدر کموينه
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جانانه خپل وطن ته راشه
په دالانونو کې دې لګي خړ بادونه
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جانانه خپل وطن ته راشه
غمازان ستا په جدايۍ اختر کوينه
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جانانه خپل وطن ته راشه
که خلک ډېر دي پرې اباد دي خپل کورونه
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جانانه دومره په ما گران يې
چې ته روان يې زه دې شمارم قدمونه
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جانانه دومره را سره واي
لکه بر يښنا چې د با رانه سره وينه
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جانانه راشه چې پخلا شو
زمونږه څوک دي چې به مونږ پخلا کوينه
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جانانه راشه چې پخلا شو
عمر د ژمې مازديګر دی تېر به شينه
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جانانه راشه دا دی وخت دی
پلار مې د سر سودا د بل سره کوينه
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جانانه راشه که ديدن کړي
د زنکدن خولې په ما راغلي دينه
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جانانه راشه که راتلی شې
ښکلی بشر مې په کفن کې پټوينه
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جانانه زېری مې درباندې
زمونږه کډه ستاسې کلي ته درځينه
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جانانه ستا د زړه لپاره
زه په غرمه د ګودر غاړی له درځمه
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جانانه ستا ديدن لپاره
زه په زړه شپاله کې ‌بېرې ټولومه
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جانانه ستا ديدن لپاره
زه د کابله په ټکس راغلی يمه
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جانانه غلی غلی ګورې
يا دې څه ورک دي يا دې زه ليدلې يمه
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جانانه غم دې دومره خوږ دی
چې د دنيا خواږه يې خاورې ايرې کړنه
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جانانه فکر پکې وکړه
مينه سور اور دی وارخطا نشې مينه
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جانانه ولې لېونی شوې
په لاره ځې په تيګو ولې زيارتونه
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جانانه ويښ يې که ويده يې
ستا په کوڅه مې لاس تړلی تېروينه
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جدايي راغله لارې دوه شوې
مرګ مې قبول دی جدايي نه قبلومه
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جنۍ د پلاره دی وير يږم
ګودر ته راشه کور ته نه درسره ځمه
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ځان په ازغوباندې سوری كړه
كه چېرې غواړې ديارغېږه كې خوبونه
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ځان د وطن په شمع سيزه
چې پتنګان دې د زيارت طواف کوينه
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ځان دې زما په ديدن موړ کړه
بيا به مخ په سپين کفن کې پټوينه
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ځان يې زړو جامو کې جوړ کړو
لکه په وران کلي کې باغ د ګلو وينه
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ځای د داغلو په کې نشته
جانانه څله داغوې داغلي زړونه
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چا يې پلو ليدلی نه و
اوس د تورخم په سرک ځي سرتور سرونه
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چرګه مرۍ کې ناسور شه
زه د ليلا غېږې ته اوس راغلی يمه
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چنار به ولې سر لوړ نه کا
چې جنکۍ ورلاندې سترګې توروينه
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چې په ژوندون مې په کار نشوئ
که مې د قبر مجناور شې څه دې کړمه
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چې په ښايست مې خفه کيږې
نور به د ځمکې خوب کوم چې ژېړه شمه
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چې په مرض مې نه پوهېږې
طبيبه مه ګوه زما د لاس رګونه
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چې پېغله لور يې په کاله وي
پس د ماښامه دې پنځډزی ګرځوينه
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چې پېغله لور يې په کاله وي
د هغه کور سابه جواری مزه کوينه
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چې تاته ګورم ژړا راشي
چې ځانته ګورم په ما لا ډير دي غمونه
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چې تورو خاورو ته مي سپاري
په خولې مې کېږده د سورکو شونډو سرونه
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چې توره نکړې نو به څه کړې
چې دې شېدې د پښتنې رودلي دينه
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چې جنازه مي روانيږي
پاس په کفن باندې مې وشينده ګلونه
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چې چېرته ته وای هلته زه وای
نصيب تقدير مې له تا لرې ګرځوينه
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چې څوك له خپله ځانه دروندوي
ټولې دنياته ددراندۀ ګومان كوينه
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چې خط مې وايي ورته ژاړه
ماچې ليکه ورته مې ډېرژړلې دينه
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چې خويندې کښېنې ورونه ستايي
چې ورونه کښېنې خويندې بل ته ورکوينه
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چې د ديدن نصيب يې نه وي
په يوه کوڅه کې سره وړاندې وروسته شينه
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چې راپسې نشې قرانه
زه د جانان لپاره لاس درباندې ږدمه
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چې ژوندون وي جانان به راشي
چې ژوندون نه وي بيابه نه وي ديدنونه
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چې سا مې اوځي رانږدې شه
په دواړو سترګو راته کيده سره لاسونه
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چې سترگې تورې کړم شرميږم
چې شونډي سرې کړم غمازان مې نه پرېږدينه
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چې سر زما وي څنګل ستا وي
د هغه وخت په انتظار يم رابه شينه
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چې سر زما وي څنګل ستا وي
مزه به دا وي چې ويده د عمر شمه
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چې سړی هر څومره پښتون شي
زړه چې مئين شي پښتو ټوله ترېنه ځينه
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چې سور پرتوګ دې وکړو
نور يې زمونږ دکلي منع کړه چې مرمه
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چې عاشقي يې کړې نه وي
د پادې خر دی سبا ځي بېگا راځينه
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چې عاشقي يې کړې نه وي
هغه به څنگه د ايمان دعوه کوينه
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چې فکر بند په زولنو کړم
چې رانه خلاص شي برابر جانان له ځينه
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چې کله کله راپه ياد شې
دېوال ته کېنم ځانته غلی وژاړمه
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چې کلي واله مې ګڼلې
ځکه مې سوال د سپينې خولې درته کاونه
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چې ماز د يګر شی زړه مې ښه شی
په ګودر حوړ شی د منګيو کتارونه
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چې مازد يګر شی عاشقان ژاړی
چټه له خياله منګی وړی په ګودرونه
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چې مې په جېب کې دولت ډېر و
خپل مې لا څه چې د پردو خپل شوی وم
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چې مې د تورو سترګو وار و
د چا به کار و چابه هسې غږ کوونه
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چې وعده وکړې پوره يې نکړي
ژبه يې پرې کړې چې وعدې پرې نه کوينه
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چې وي پښتون اوپښتونكړي
داسې كسانوته به ګورې كړنګونه
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چې هديره باندې تيرېږې
زما مزار ته مخ راواړوه مينه
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چې يوړم يوړم اوبو يوړم
چې بې ګودره ګډ يدم اوبو به وړمه
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چېرته عاشق سړی ولاړ دی
ساړه ساړه اسويلي کړي باد يې راوړينه
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څانګه به نن سبا کې ګل شي
ما يې په سر کې سرې غوټۍ ليدلي دينه
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څنگ ته مې مه راځه جانانه
سبا به بوی د لونگين درڅخه ځينه
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څنګه په سپينه جامه ګرځې
رب دې مئين کړه چې خيرن دې ووينمه
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څنګه د ورايه په خندا شوې
لکه چې غم دې د زړه ټول هېر کړی وينه
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څنګه نرۍ يې لکه لښته
مور دې ړنده شه چې په تا اوبه راوړينه
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څوک په رضا له ملکه نه ځي
يا ډېر غريب شي يا د يار له غمه ځينه
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څوک چې په چا باندې مين شي
هغه غمجن شي د هر چا د خندا شينه
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څوک چې په شنو سترګو مين شي
پس د ماښامه دې پنځډزی ګرځوينه
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څوک چې د ښکلو وفا غواړي
ماته کيسه د صنوبر راياده شينه
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څوک چې د يار په غېږ کې پروت وي
په نورو خلکو د ړندو ګومان کوينه
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څوک مې د حاله خبر نه دی
لکه چنار مې په ډډ اور ولګېدنه
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خا ونده دا ګناه مې معاف کړی
بيا به دخوړ په عاړه نه کرم ګلونه
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خال به د يار له وينو کيدم
چې په شين باغ کې ګل ګلاب وشرموينه
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خال يې په غونډه زنه کېده
بيا ما ورپرېده چې پرې څه نخرې کومه
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خاورې د يار د کوڅې راوړئ
پاس په کفن کې ( لا اله) راته ليکينه
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خاونده بيا دې پسرلی کړو
جونه شفتل کړي وړکي سيل ته تللي دينه
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خاونده بيادی مازد يګر کړ
په ګودر جوړشو دمنګيو کتارونه
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خاونده ټوله مې ترې ځار کړې
زما په سر يې غرغرې منلي دينه
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خاونده څه چارې راوشوې
نه مې يار يار شو نه يې خلاص د غمه شومه
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خاونده دا به دې رضا وي
چې د ځوانۍ عمر په غم کې تېرومه
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خاونده دا به دې رضا وي
چې نور دې ګل کړل زه غوټۍ ورژېدمه
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خاونده دا به ستا رضاوي
چې دځوانۍ عمر په غم کې تيرومه
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خاونده دا ګناه مې معاف کړې
بيا به د خوړ په غاړه نه کرم ګلونه
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خاونده سل ځله ژوندراكړې
چې دجانان په مينه سل ځله مړشمه
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خاونده کوم يو پکې خوښ کړم
مرګ او بېلتون راته جوړه راغلي دينه
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خاونده ما خو داسې نه وېل
چې مساپر شم څوک دې خير نه راکوينه
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خاونده ما د ګودر ګل کړې
چې جنکۍ مې شوکوي سر کې مې ږدينه
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خاونده ما دګودر ګل کړی
چې جنکي مې شوکوی سرکې مې ږد ينه
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خاونده مرګ په ځوانۍ ورکړې
چې جنازه يې د ارمانه سره وړينه
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خاونده مرګ په ځوانۍ ورکړې
چې کلی کور يې د ځوانۍ ارمان کوينه
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خبر مې کله کله اخله
د لېونتوب آواز مې نن سبا درځينه
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خپلو جامو سره مې خښ کړئ
جانان په غشو د بڼو ويشتلی يمه
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خدايه د مور يې ورته پام کړې
چې په لنډۍ زنه يې ووهي خالونه
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خدايه دا مور يې لېونۍ کړې
مئين پرې زه يم اوس يې بل ته ورکوينه
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خدايه کوچيان په کوچ روان کړې
چې دا ښايسته بدرنګې ګډې وډې شينه
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خدايه ګورګورې تورې مه کړې
جنکۍ سرې شونډې ورځي تورې راوړينه
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خدايه مئين څوک په چا مه کړې
چې وس يې نه رسي په مخ يې اوښکې ځينه
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خدايه نری نری باران کړې
چې د ليلا ګډې تړلې پاتې شينه
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خدای به دې بيا راته محتاج کړي
زومبک زومبک څڼې مې بيا راغلي دينه
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خدای به دې زلفې په لاس راکړي
ماته د کلي ماشومان دوعا کوينه
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خدای به مو بيا سره يو ځای کړي
دسمال راواخله اوښکې پاکې کړه مينه
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خدای په وړې جلکۍ مئين کړم
د کوټنو ګټې په ما راچلوينه
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خدای خو دې دا ځلې راجوړ کړه
بيا مې توبه ده ښېرې نه درته کومه
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خدای خو دې دا ځلې راجوړ کړه
خلک به وايي چې سپېره دی يار يې مرينه
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خدای دې په تنګه کوڅه راکړه
چې د سينې روپۍ دې ګډې وډې کړمه
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خدای دې په داسې ځای کې راکړه
چې ته نارې کړې زه دې غېږ کې ټينګومه
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خدای دې په سر منګی ټوټی کړه
چې په اوږدو زلفو دې راشي سېلابونه
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خدای دې په واورو کې ايسار کړه
چې د تودې غېږې مې درشي ارمانونه
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خدای دې د پوزې پېزوان مات کړه
چې د زرګر په دوکان دواړه يو ځای شونه
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خدای دې د خولې لاړې دارو کړه
زه درتلی نشم بس دوعا درته کوومه
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خدای دې زما کړه غونډې منډې
په سر به پنډې چلوم تابه ساتمه
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خط مې ليکو قلم مې مات شو
د جانان نوم رانه نيمګړی پاتې شونه
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خلک به وايي چې وړه ده
وړې زما په زړه چړې منډلې دينه
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خلک تپوس له د رنځور ځي
زه چې رنځور شم د جانان تپوس وړمه
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خلک چارګل خونړی بولي
ما د نتکۍ په ډنډر ډېر وژلي دينه
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خلک دې وايي تُهمتونه
زه د ليلا په غېږ کې چا ليدلی يمه
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خلک زيارت له پتاسې وړي
زه د جانان لپاره غونډه روپۍ وړمه
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خلک شراب وڅښي نشه شي
ما د ليلا د لاس اوبه نشه کوينه
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خلک قيامت ته خفه کيږي
زه خوشالېږم چې جانان به ووينمه
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خلک له غمه امان غواړي
زه د جانان په غم کې ډوب خوشاله يمه
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خلک مې ټول تپوس له راغله
هغه رانغلو چې يې پروت له غمه يمه
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خلکو زړې يارۍ تازه کړې
زما په نوې يارۍ اور ولګېدنه
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خلکه ګودرګوري ګډيږی
زه بې ګودره ګډيدمه لا هو شومه
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خمارو سترګو ته دې وايه
چې مې ماشوم زړګی نور نه ازاروينه شي
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خندا کوې ياري دې نشته
تشه خندا د لباسې جنکو وينه
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خود به يې زه د در ملنګ يم
چې سپينه خوله راته خيرات کې راکوينه
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خولګۍ دې خورم نه پرې مړېږم
نامردې تا پکې ګني کرلي دينه
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خولګۍ دې خورم نه پرې مړېږم
نامرې ټوله راپشا شه چې دې وړمه
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خولګۍ مې خوره څو يې خوړای شې
شکره نه ده چې په تول به کمه شينه
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خوله به په زوره درنه واخلم
وړوکی نه يم چې ځاري درته کومه
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خوله به تر شونډو لاندې درکړم
په تورو غاښو مې لونګ کرلي دينه
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خوله به د خدای په رضا درکړم
منګۍ مې ولی ښوروی لنده دې کړمه
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خوله د ډېوې رڼا کې راکړه
په توره شپه کې دې زلفان خولي له راځينه
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خوله د ملا د لور خوږه وي
د شکرانې چرګان يې ټول خوړلي وينه
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خوله دې د تريو انار دانه ده
د رنځورانو قافلې درپسې ځينه
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خوله دې د سپينو زرو جام دی
زما پرې پام دی چې موزي پرې اوبه څښينه
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خوله مې غوښته ژبه يې راکړه
خدايه سخي نجلۍ ته ورکړې جنتونه
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خولې ته مې سوړ اوسېلی راغی
زړګيه بيا به دې جانان ياد شوی وينه
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ما په ګودر د جنو ښخ کړی
ګو ندې ملا له پر ما کيږدی قد مو نه
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ما خو د ليرې نه صحي کړې
نور دې په تورو زلفو مه وهه لاسونه
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ما د کوچي د عمره ځار کړې
د سبايي اور يې بليږي دوی ترې ځينه
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ما د کونړ د سيند نه ځار کړي
زما جانان به پکې مخ مينځلی وينه
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ما د ګودر په غاړه خښ کړئ
چې جنکۍ مې مات بنګړي په قبر ږدينه
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ما د نصيب نه تېښته وکړه
نصيب زما د لارې مل راسره ځينه
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ما دګودر په غاړه ښخ کړی
چې جنکۍ مې مات بنګړی په قبر ږد ينه
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ما دې ټوپۍ په سر ګڼله
د جنکو په وار پيدا ورکه دې کړمه
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ما زد يګر تل لری خاونده
چې ماز د يګر په ګودر وشی د يدنونه
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ما سره سم ګودر له لاړ شه
منګي مې دوه دی نری ملا مې ما تو ينه
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ما سره سمه سيالي مه کړه
ما د لنډيو سيپارې ويلي دينه
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ما له مې وړی زړگی راکړه
زه وم نادانه په يارۍ نه پوهېدمه
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ما له وړوکي ريبار ځار کړې
چې يوه خبره دوه ځلې راته کوينه
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ما ويل يوازې زما يار يې
د اختر ټال يې هر سړی دې زنګوينه
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ما وې د غمه به دې مړ شم
قسم دی ياره بې نېټې نشته مرګونه
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ما يارانه کله کوله
سرتور ولاړ وې له ښېرو دې وېرېدمه
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ما يې د ورور د سترګو ځار کړې
ده به د خور سترګو ته ډېر کتلي وينه
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ما يې د ورور د سترګور ځار کړې
دا د ورور سترګي يې د خور په شانته دينه
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ماته دې دومره ديدن بس دی
چې په کوڅه کې پښه نيولی شې مينه
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ماته رباب په لاس کې راکړئ
چې زه ده خپلې ځوانۍ وير پکې کومه
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مازديگر چېرته وې چې نه وې
خورې ورې زلفې په بام ولاړه ومه
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مازديګر پيغلی ښی اغلی
منګي په ولو دګودر غاړی له ځينه
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مازديګر لمونځ دې قبول مشه
ديدن دې پرېښود د ايمان کوې سوالونه
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مازديګر لمونځ رانه قضا شو
نوی مين وم په دیدن نه مړيدمه
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مازديګری دی سوال قبليږي
خلکو زما په حق کې پورته کړئ لاسونه
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مازديګری دی ښېرې مکړه
ستا به عادت وي ما به ورک له ملکه کړينه
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مبارکي راکړئ عالمه
چې پرې مين وم ترې چاپېر مې کړل لاسونه
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مبارکي راکړئ عالمه
د تهمتونو سره يار قبوله کړمه
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مبارکي راکړئ عالمه
نادانه زه نادان مې يار ورسېدنه
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مخ په قبله مې د يار کور دی
لمونځ مې بانه کړ د اشنا ديدن کومه
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مخې ته راغله راته ژاړي
د لونګين نه يې ځونډي ورک شوي دينه
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مرګيه دومره صبر وکړه
يو مې ځواني ده بل مې ډېر دي ارمانونه
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مرګی په تنګه کوڅه راغی
ما وېل سلام هغه وېل کور دې ورانومه
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مړ مې د يار په کوڅه يوسئ
چې د نجلۍ د دادا يخ شي اندامونه
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مساپري په بې غمي کړه
زه پښتنه يم په نامه دې ناسته يمه
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مساپري دې ډېره وکړه
راځه راځه روزي به خدای رارسوينه
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مساپري سخته خواري ده
باران به اوري څوک به ځای نه ورکوينه
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مسافر ته شوې خواره زه شوم
خواره دې مور شه چې سفر ته دې ليږينه
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مسافر مه وژنئ عالمه
چېرته به يې خويندې د دين په تمه وينه
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مسافري دې روزي مه شه
زه دې په سپينه خولې ويده پرې ايښې ومه
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مسافرۍ خوړليه ياره
پيزار اوباسه چې دې تلې ښکلومه
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مسافرۍ خوړلی راغلی
قربان قربان دې د زړو جامونه شمه
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مسافرۍ مې زړه نری کړ
چې تش وطن رايادوم ژړا راځينه
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مسافرۍ نه ستړی مشې
اول خوله درکړم که دې جېب ولټومه
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مسلماني په چاكې نشته
مرور ګرځم څوك مې نه پخولاكوينه
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ملنګه دوه ګټې دې وکړې
يو دې خير ټول کړو بل دې وکړل ديدنونه
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منگيه بخت ته دې حيران يم
اول دې ښکل کړي بيا دې غېږ ته خېږوينه
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منګي کې موری اوبه نه شتهخ
زه د اوبو لپاره کوز ګودر له ځمه
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منګي يې ټول په ډنډ غو په کړل
د شيطا نۍ منګی په لپو ډکو ينه
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منګي يې ټول په ډنډ غوپه کړم
د شيطانۍ منګی په لپو ډکوينه
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منګی به تخرګ ګودر له ځمه
دغه يو ځای دی چې بری کيږی د يدنونه
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مور يې د کلي شومړې غواړي
لور يې په سپينه روپۍ خوله نه ورکوينه
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مور يې د کلي شومړې غواړي
لور يې د لارې مېلمانه راستنوينه
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مور يې ماڼو ورته لوګی کړې
زيارت له تلې چا به يې مخ ليدلی وينه
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مورې توپک کمربند راکړه
په ما مينه نجلۍ بل ته ورکوينه
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مورې د مخه دې شرمېږم
ماله کوژدن چا کره وکړه زوړ دې کړمه
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مورې کوچيانو ته مې ورکړه
چې تور پېکی مې د هلبند شمال وهينه
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مورې کوچيانو ته مې ورکړه
کنډک کنډک مستې به خورم غټه به شمه
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مورې لنډۍ توپك مې راكړه
په مامينه جينۍ بل ته وركوينه
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مورې لنډۍ توره مې راکړه
په دين غزا ده زه خپل ځان شهيدومه
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مين زړګي ته مې سلام دی
چې تمامي عمر په صبر تېرومه
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مينه په تګ راتګ زياتيږي
مونږ کره مه راځه چې زړه دې صبر شينه
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مينه په تلو راتلو زياتيږي
کله راځه کله به زه درځم مينه
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مينه د مينې پيدا کيږي
په مينه مينه دې کتل مين دې کړمه
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مينه د مينې پيدا کيږي
په مينه مينه دې کتل مين دې کړمه
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مينه دروغو زړونوكاردى
زموږه زړونه غريبۍ وژلي دينه
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مينه کې هر څه هر څه کيږي
په تا يوه خبره راغله هېر دې کړمه
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مينې دې داسې لېونی کړم
په لاره ځم خپل او پردي نه پېژنمه
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نارې وهم نارې مې نه اورې
هله به يې واورې چې زه تورې خاورې شمه
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نجلۍ په سر دې منګی مات شه
چې په سرکو شونډو دې راشي سېلابونه
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نجلۍ د بام په سر کږه شوه
ورسره کوږ شومهد پانډه ولوېدمه
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نجلۍ کږه شوه ماته نشته
د کونډې لور ده مور غوړي ورکړې دينه
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نجلۍ که ټوکی د بخمل دی
يار يې نيستمن دی په ژړا له ملکه ځينه
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نجلۍ وړه د يارۍ نه ده
کم عقله مور يې ورته سترګې توروينه
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نجلۍ ولاړه په لمانځه ده
پېرزو مې نشي تور پيکی په خاورو ږدينه
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نری نری لوګی ترې خيږي
د چا په نوې يارۍ اور ولګېدنه
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نړۍ مريح ته رسيدلې
موږلاتراوسه وړوپه خروباندې بارونه
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نښې دې ډېرې ما سره دي
نښې دې څه کړم چې دې سترګې نه وينمه
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نصيب مې خپل دی رارسيږي
مورې زما په نصيب مه کوه جنګونه
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نصيبه وسوزې ايره شي
تنديه مات شې تاکې څه ليکلي دينه
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نن خو مې ډير ياديږې ياره
خدای دې ناڅاپه چيرته راوله مينه
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نن د ګودر په لاره مه ځه
ليلا ولاړه ده په زړه ويشتل کوينه
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نن مې د قبر خواله راشه
مبارکي د نوي کور راکړه مينه
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نه به انځر د ورځې ګل شي
نه به زما زړگی د غمه خالي شينه
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نه دې د ځان نه دې د بل کړم
د دادا کور کې دې زړه کړمه ظالمه
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وايم چې داسې ځای ته لاړ وای
چې ستا دې ډېرو ناکردو ته وګورمه
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وخت د ځوانې مې نيمه خوا شو
يار بې وفا شو ارمانې به ګودر له ځمه
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ودرېدی نشمه غورزيږم
تاو کړي غشي مې د غم خوړلي دينه
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ودې ويشتم پورته دې نه کړم
خلک ويشتلی مرغۍ ژر پورته کوينه
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وربل يې پوړې پوړې راغی
بخت د هغه دی چې يې پولې ورانوينه
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ورشه د يار خبر دې واخله
چې بې ديدنه دې ساته لېونه شونه
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ورکه د کور کلي ياري شه
د زنې سر مې دېوالو وسولاونه
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وطن به ستا لپاره پرېږدم
چې ستا د حسن دوران تېر شي رابه شمه
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وطن د مور او پلاره خوږ دی
جانانه درې واړه پرېږدم تا سره ځمه
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وطن مې تن ،تن مې وطن دي
دتن په وينويې ساتم ترڅوچې يمه
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وطن مې ستا له غمه پرېښود
خلکو ته وايم چې نيسۍ اخيستی يمه
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ولاړه اوسه چې دې وينمه
چا دې صفت راته کوو راغلی يمه
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ولې دې سر په زنګنو کړ
ما په ځوانانو کې خوښ کړې يې مينه
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ولې دې مخ زما نه پټ کړ
اشنا غماز درته دروغ ويلي دينه
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ولی به زه ور پسی نه مر م
اوږی په غاړه ما زد يګر ګودر له ځينه
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هر کله راشې د يار غمه
که سل مې نور وي تا به پاس په تندي وړمه
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هر مازد يګردی لوی اختر دی
ګودره ! ځکه دی صفت هر ځای کو مه
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هغه دې هېر دي که دې ياد دي
چې د کړکۍ شمال په دواړو لګېدنه
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هغه ساعت به کله راشی
چې د اشنا سره به بر ګودر له ځمه
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يا خو زما په زړه تياره ده
يا خو په ټوله دونيا پرېوتل ګردونه
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يا خو زما نصيب خراب دی
يا خو به ټولې يارانې دغسې وينه
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يار مې په اوم کې زه اتم کې
يو کال به پاتې شم چې دواړه يو ځای شونه
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يار مې په شنو سترګو مين دی
زه به دا تورې سترګې چېرته بدلومه
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يار مې هندو زه مسلمان يم
د يار لپاره درمسال جارو کومه
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ياره زموږكلي ته راشه
يوڅه په جيب كې ستالپاره ګرځومه
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ياري په تور او په سپين نه ده
دا معشوقې خو غنمرنګې خوند کوينه
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ياري په تور او په سپين نه ده
زړه چې مين شي تور او سپين نه پېژنينه
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ياري خو تا پرې کړه کمبخته
که ما پرې کړې وای ژړلي به دې وونه
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ياري خو تا کړه ما خو نکړه
اوس يې چې لنډه پرې کوې ژړا راځينه
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ياري د دنګې نجلۍ خوند کړي
د پلو لاندې سړی غلی تېروينه
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ياري د زور خبره نه ده
که زړه دې نه وي بيا دې نه مجبورومه
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ياري د شنې لښتې ګوزار دی
چې چا خوړلی رنګ يې ځای ته نه راځينه
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ياري دې ټوله د ټګۍ وه
ښه شو چې زر دې په مطلب ورسېدمه
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ياري دې نه کوم ډاريږم
د لرې لرې نندراې به دې کومه
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ياري دې نه وه خوب ليدل و
څو چې مې سترګې غړولې سبا شونه
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يم خړ پښتون خړ مې ژوندون دی
خړو جامو کې به فردوس جنت له ځمه
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يو اخيري مصره دې داوي
اخر يې مه کړې د ځوانانو مجلسونه
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يو ځلې بيا په دې لار راشه
په پخوانو قدمو دې پرېوتل ګردونه
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يو ځلې راغلی خوله مي ورکړه
لار يې صحي کړه په غضب ککړه شومه
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يو خو دې غونډه منډه خوله ده
بل دې خبرې په کنډه تللي دينه
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يو دې غريب پيدا کړم خدايه
بل دې مين په کبرجنې نجلۍ کړمه
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يو زخم نه دی چې به جوړ شي
هزار زخمونه مې په زړه دي مړ به شمه
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يو ګوټ اوبه منګی نه راکړه
د وصال تږی يم اوبه بهانه کومه
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يو وارې ټينگه غېږه راکړه
بيا دې دا دا له توره ورکړه چې راځينه
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يوازې خدای به پرې خبر وي
د خندا ډکه خوله به چيرته ناسته وينه
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يوازې ژوند مې په کار نه دی
چې اشنا لاړو زه به تور لحد ته ځمه
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اب کوثر جانانه راشه
د بېلتانه پۀ سفر ځم تږی بۀ شمه
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اب و دانه مې شوه تمامه
ليلا په زړه راکړل د تورو گوزارونه
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الله دې تا په چا مين کړي
چې تن دې روغ وي زړه دې پټ کوي دردونه
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الله درې ژر تياره ماښام کړي
چې کچکول واخلم د يار در ته ودرېږمه
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اباسين بيا پۀ څپو راغی
پۀ سر يې راوړۀ سپينې خولې زېړ پېزوانونه
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اباسين بيا څپې څپې دی
هره څپه يې ورانوي د پګړۍ ولونه
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اباسين راغی غاړې غاړې
پۀ سر يې راوړۀ کشميري د خيال شالونه
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اپت وهلي کښت ته راغلم
نه يې شين توب شته نه هغه خوند راکوينه
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اټې اټې زلفې دې توی شوې
د پا غوندې پۀ دود دې سر سپين شومه
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اجر و جزا د عمل حق ده
څوک چې د نېکو عمل کړي نېکي بۀ وړينه
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احمده خدای دې جنتي که
تر هندوستانه پورې تا کړي جنګونه
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اختر به بيا وطن ته راشي
زړګيه تللی جانان بېرته نه راځينه
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اختر پرون ؤ پرون تېر شو
دا د دامان کوترو نن سرۀ کړۀ لاسونه
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اختر پرون تېر شو عالمه
د بغدادو کوترو نن راغلل سيلونه
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اختر په منډه منډه راغی
نه مې نتکۍ شته د نه د غاړې تاويزونه
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اختر پۀ ټوکو ټوکو راغی
نه مې اوږۍ شته نه د غاړې تاويذونه
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اختر پۀ ورځ دې سينګار کړ
څوک دې پۀ زړۀ دي که ډاډه وهې ټالونه
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اختر ته ډېره خوشالېږم
زما ديار وعده اختر دی رابۀ شينه
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اختر چې تېر شي بيا بۀ راشي
دا د ځوانۍ عمر پۀ بېرته نه راځينه
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اختر د واړو مبارک شه
دا د ځوانۍ عمر پۀ بېرته نه راځينه
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اختر دې تا ته مبارک شي
چې لاس او پښې دې بې حنا اور لګوينه
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اختر له تا سره ښایېږي
نور خلک خوشې د اختر هوس کوينه
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اختر نژدې دی روژه لاړه
ليلا بۀ چاته سرې منګلې ښکاروينه
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اختر نژدې دی ياره راشه
مبارکي بۀ يو وبل ته ورکوونه
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اختره ستا د برکته
د جنکو په سينه زانګي زيړ ګلونه
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اخر به مرم پاتې بۀ نه شم
ته چې دا سپينه سينه ږدې پۀ دېوالونه
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اخر بۀ پاتې شې ميدانه
مسافر کډۍ باروي وطن له ځينه
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اخر بۀ خاورې شې بدنه
که دې هر څو پر وطنو وګرزومه
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اخر بۀ خاورې شې جانانه
ما اشنا سترګې نا اشنا ليدلې دينه
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اخر بۀ خاورې شې صورته
که دې هر څونه پۀ زربفتو کې ساتمه
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اخر بۀ دا دنيا شي ورانه
تر خاورو لاندې بۀ شي ښکلي بشرونه
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اخر بۀ کند کچکول راواخلم
چې کبرجن جانان مې نه کوي پوښتنه
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اخر بۀ مرم پاتې بۀ نه شم
که د فولادو کلا تاو له ځانه کړمه
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اخر بۀ وران شې پېښوره
د ننګرهار نجونې ښېرا درته کوينه
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اخر ته داسې درته وايم
اجازه واخله چې جوړه کابل ته ځونه
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اخرنی ځای دې لحد دی
ظالمه مه کوه پۀ ما ډېر ستمونه
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اخيري ورځ ده راته ګوره
بيا به د يو بل د ليدو ارمان کوونه
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ادکې مورې څراغ بل کړه
د مومن خان پۀ وينو سرۀ شول بالښتونه
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اذان پۀ ځنډ کوه طالبه
زه د جانان غېږې ته اوس ورسېدمه
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ارام د زړۀ مې پرې و نۀ شو
که مې له سرو سترګو ويني تويومه
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ارمان ارمان تېره ساعته
پيدا به نشې که ملنګ درپسې شمه
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ارمان ارمان خپله وطنه
د خپل وطن جامې مې ولوېدې له تنه
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ارمان ارمان د دا دا کوره
د ډکه شکوره به چاپېره تاوېدمه
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ارمان ارمان دی لويه خدايه
چې همېشه مې د جانان کړای مجلسونه
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ارمان به وکړې وخت به تېر وي
بيا به وطن راپسې ګورې نه به يمه
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ارمان به هلته زما درشي
چې سور پالنګ درته يوازې پاتې شينه
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ارمان به هلته زما درشي
چې کټ مې واخلي تورو خاورو ته مې وړينه
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ارمان به هلته زما درشي
چې مې ځوځان په قبر وسپړي ګلونه
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ارمان به هلته زما درشي
چې مې د سخات پيسو ته ونيسې لاسونه
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آسمانه درز وهه راولېږه
په ما قيامت دی چې په ټولو قيامت شينه
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اسماني تندر شوې جانانه
په ما راپرېوتي ذرې ذرې دې کړمه
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امانتي مې ګور کې کېږدئ
که اشنا راشي ما به خپل کلي ته وړينه
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آواز يې اورم کتی نشم
په ښاپېرو مې سر و کار دی وبه مرمه
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اوبه د بر ګودر خوږې دي
زه د جانان لپاره کوز ګودر له ځمه
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اوبه د کوز ګودر خوږې دي
لیلا د يار لپاره بر ګودر ته ځينه
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اوبه دکوز ګودر خوږې دي
زه د مين د پاره بر ګودر ته ځمه
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اوبه دهر ګودر خو ږې دي
جانانه ستا لپاره کوز ګودر ته ځمه
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اور چې بليږي اخر مړ شي
د مينې اور سړی تر عمره سوزوينه
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اوښکي مې سيند غوندې بهيږی
بیا به د سيند د غاړی نهکوم سيلونه
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اول به ته ورته حيران شې
که مې ښکاره کړه د زخمي زړګي داغونه
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اول به کله کله غم و
اوس مې دوتر شو کروندې پکې کومه
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اول دې ويل چې رامين شه
اوس راته وايې چې خپل کار کوه مينه
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اول مې فکر درته نه و
اوس مې د زړه ستنې کږې درپسې دينه
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ايمان دې ښه راته معلوم دی
په رواجي برېتو دې مه وهه لاسونه
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بابا ته لاړې سوال دې وکړو
په زړه دې زه وم که دې نور کول سوالونه
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بابادې ماوژلی نۀ دی
چې راته نيسې دزړې ولې بندونه
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باباکوچيانوته مې ورکړه
چې تورپېکی مې دنښتروبادوهينه
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باباګلان دباغه راوړه
زۀ يې پېيمه جوړومه امېلونه
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بابامې نۀ درکوي ياره
لاړشه باباباندې مې وکړه تاويذونه
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باباولي پرکندهاردی
زماجانان يې وزيارت ته تللی ونه
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بابوټيکس دې بېرته واخله
زۀ مې شيرين جانان دکن ته نۀ لېږمه
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بابوټيکس دې بېرته واخله
مامروراشناپخلاکړبېرته ځينه
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بابوکره زموږ وطن دی
جندوله تاته سلامي راغلی يمه
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باتۍ دتېلوپۀ زورسوځي
ماته ديارغمونه اورشول ويې سومه
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باچارخصت راکه چې ځمه
چې پۀ وطن موغنم زېړ لويې کومه
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باچاهي تخت مې پۀ کارنه دی
جانان بۀ لوکازۀ بې وږي ټولومه
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باد د جنت پکې لګيږي
د غرمې خوب د شاليلا دېرې ته وړمه
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باددبهۍ پۀ کې لګېږي
دغرمې خوب بۀ دليلادېرې ته وړمه
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باددپغمان له لورې راغی
زمادياردزلفوبوی ماته راوړينه
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باددخوتن دی راالوتی
ياعنبري زلفې جانان سنبالوينه
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باددې پلوله مخه يوسه
چې ګلابي مخ دې پۀ سترګوووينمه
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بادسبازماقاصد شه
زماشيرين اشناته يوسه سلامونه
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بادسبايارمې ويښ نه کړې
دسهارخوب پرهلک ډېرغالبه وينه
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بادمې ديارله لورې راغی
پۀ وازه خوله به يې کوګل ته تېرومه
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بادنن له پاسه که ښکې دی
بوی دجانان مې پۀ دماغ ولګېدنه
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باده پربادمې سلام وايه
پرهغه بادچې داشناپۀ لورې ځينه
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باده په باد مې سلام وايه
په هغه باد چي د جانان په لورې ځينه
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باده دخدای روی مې دروړی
ژرراته وايه ګران زړګی څۀ حال لرينه
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باده ديارحالونه راوړه
ظالمان شته دي ماويارته نه پرېږدينه
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باده ديارله لورې راشه
ماته ملهم شه چې مې جوړشي پرهارونه
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باده سلام پۀ جانان وايه
هغه سلام چې باده تا راوړی ؤنه
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باران داوښکومې ورېږي
بې نيازه يارراته پۀ زړۀ راکړل زخمونه
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باران که اوري باک يې نشته
واورې دې نۀ اوري چې لارې بندوينه
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بارانه ورو ورو واورېږه
دمسافرجانان مې نشته دالانونه
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بارانه ورو، وروپرې ورېږه
په مسافر اشنا مې نشته دالانونه
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بارانه ورو، وروپرې ورېږه
وړې، وړې جنکۍ غره ته تللي دينه
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باغ ته دې تګ مناسب نۀ دی
ګلان شرمېږی مخ پۀ پاڼوپټوينه
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باغ چې دزاغ پۀ حواله شي
بلبل نری فريادکوي له باغه ځينه
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باغ له دې تله مناسب نۀ دي
پخپله ګل يې ګل دې ستاسلام کوينه
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باغچه پۀ ګلوښه ښکارېږي
لکه دپېغلې سينه ډکه پۀ ګلونه
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باغچې دګلوشوې سمسورې
باغوان وختي لښتي پر باغ تړلي دينه
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باغوانه باغ مې دې خوښ نه شو
چې پۀ کې نشته درامبېل چامبېل ګلونه
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باغوانه پاڅه چې سهار دی
ګلان دتندې درته خواست داوبوکړينه
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باغوانه ورشه باغ سوتره که
سبادرځمه دګلاب سيل بۀ کومه
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باڼه دې مړه دي ښکته ګوري
لکه چې مور دې نوره کور کې بندوينه
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باڼه دی ورو جګ کړه شير ينې
ما ته دی سم د زړه په سر ټو مبلی د ينه
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بدن درياب زړه مې ګودر دی
د غم ويلی پکې رګونه تللی دينه
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بړستن دې واغوسته ويده شوې
په زړه دې نشته د شرين جانان غمونه
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بله ډيوه شه راته کښېنه
زه دې پتنګ ستا د ديدن راغلی يمه
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بنګړو دې نيمه شپه کې شرنګ کړو
زه دې بهر تمبو ته لاس په نامه شومه
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بنګړي نيم ښکته کړه نيم پورته
چې په خالي مړوند دې سر ولګومه
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بوټي راټول کړئ اور پرې بل کړئ
زموږ دستور دی په رڼا خوله ورکوونه
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بورا به خدای په گلو موړ کا
باغوانه ستا نيمګړی نيت مې ژړوينه
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بيا به پدې کلي رانشم
د کلي مينځ د لېونۍ ورسېدنه
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بيا به د کلي په منځ نه ځم
د کلي منځ دلېونۍ ورسېدنه
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بيا به ديار کلي ته نه ځم
په خندا لاړ شم په ژړا بېرته راځمه
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بيا به دې نوم په خوله وانخلم
بېګاه دې مور له دروازې شړلی يمه
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بيا به نرۍ جامې ونکړم
باران لمده کړم اشنا ټوله وليدمه
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بيلتونه چيرته چې ځی لاړ شه
ګودر ته مه ځه چې بې تا پاتی شينه
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بې غېر له تا مې عمر ګران دی
زه به دا ګران عمر تر کومه تېرومه
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بې ننګه ننګ راباندې وکړه
سبا مې ستا په سر پانسۍ ته خېژوينه
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بې وفا هله راته وايه
چې ته لوګی شې زه لمبه نه شم مينه
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بېګا مې مړ په خوب ليدلی
سبا مې سرو شونډو پتري نيولي وونه
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بېګاه په خوب کې ژړا راغله
د مينې يار مې در په در غواړي خيرونه
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بېلتون په هر چا مېلمه کيږي
ماته چې راشي نو کلونه تېروينه
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بېلتون د خلکو د خندا کړم
ځکه هر وخت گرېوان شلېدلی گرځومه
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بېلتون دې قدر رامعلوم کړ
اوس به سلام په دوه لاسه درته کومه
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بېلتون يواځې په ما ندی
بېلتون شمال دی هره پاڼه رپوينه
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بېلتون يوازې په ما ندی
د بېلتانه د لاسه ډېر فرياد کوينه
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بېلتونه راشه ستړی مه شې
زړه مې پښتون دی مېلمه نه خفه کوينه
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بېلتونه کور دې راته ښايه
د زور دې نه يم ننواتې به درځمه
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بیا به منګی ته ګو تی نه کړم
مور د ګودر د تلو نه ما منعه کوينه
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پاچائي تخت مې پۀ کار نۀ دی
جانان دې لوکړي زۀبۀ وږي ټولومه
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پاچائي تخت مې پۀ کارنۀ دی
مادې ديارلۀ څنګه نۀ جداکوينه
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پاس پراسمان راشه رامداره
داسمې لارې راڼېزونيولې دينه
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پاس پراوږودې منګی مات شه
چې دسينې پۀ خوړ دې راشي سېلابونه
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پاس پربام مه خېژه کوترې
پورته اسمان کې بۀ شين لمرشرمنده شينه
-------------------------------
پاس په کمره ولاړه ګله
نصيب د چا يې اوبه زه درخېژومه
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پاس په ګودر د پيغلو جنگ شو
د سور سالو مير منې ما تې ګډوينه
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پاس په ګودر ولاړه ګله
يا به دې راوړم يا به مړ درپسې شمه
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پاس په ګودر ولاړې ګله
نصیب د چا يې او به زه در خيژومه
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پاس په هوا راشه جانانه
لارې کوڅې د غمازانو ډکې دينه
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پاس په هوا راشه جانانه
د ګودر لاري راڼيزو نیولی دينه
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پاس پۀ اسمان کې ډزې وشوې
چاويل ملوک دی دبدرۍ سلام ته ځينه
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پاس پۀ اسمان کې ستوري ښکاري
اشناويدۀ دی مايې وکړل ديدنونه
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پاس پۀ اسمان کې ستوری زۀ وای
نجلۍ وېده وای مايې وکړای ديدنونه
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پاس پۀ اسمان کې ګړزهارشو
جينکۍ ژاړي کشمالې ږاۍ وهينه
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پاس پۀ اسمان کې مرحباشوه
محمدوخوت دالله ديدارته ځينه
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پاس پۀ بلۍ کوترې راغلې
زۀ پۀ پوړوديارپوښتنه ترې کومه
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پاس پۀ بنګله کې فريادخېژې
يارنځوران دي يامين بېل شوي دينه
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پاس پۀ تيرااوره بارانه
دپېښورپۀ برخه سېل دی رابۀ شينه
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پاس پۀ سينه ځای راته جوړکه
مزل وهلې ځمکه ځای نۀ راکوينه
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پاس پۀ کمرۀ ولاړه ګله
نصيب دچايې اوبۀ زۀ درخېژومه
-------------------------------
پاس پۀ کمرۀ ولاړې زرکې
بازمې رنځوردی لۀ خولې وينې تويوينه
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پاس پۀ ګودردپېغلوجنګ شو
دسورسالومېرمنې ماتې ګډوينه
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پاس پۀ هواراشه جانانه
داکوزې لارې بېلتانۀ نيولې دينه
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پاس د آسمان ستورو ته ګوره
په تا مې دومره دي د سپينې خولې پورونه
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پاس داسمان ستوروته ګوره
پرتامې دومره دي دسپينې خولې پورونه
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پاکه مولا که ته يې واخلې
سړی سړی نه دی په بند يې ناسته يمه
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پالنګ دسرونالۍ دزرو
ليلادسروزروغنچه خوب پۀ کوينه
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پالنګ ديارسره ښۀ ښکاري
نۀ مې خوښېږي دابې ياره پالنګونه
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پام کوه واردې خطانۀ شې
دګلوڅانګه دې پرسرولاړه يمه
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پانسۍ دزلفوماته راکړه
زۀ بېلتانۀ پۀ مرګ خوشاله کړم مينه
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پاولی ديخ سينه دې تخت دی
چې درنژدې شم زړۀ مې يخ لاندې کوينه
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پتنګ پۀ خاص څراغ مين دی
ښايسته خولمردی ځان پرې نۀ کبابوينه
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پتنګ خويوځل شهيدشوی
افرين ماته چې مدام سوزم مينه
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پتنګه خاورې دې پۀ سرشوې
شموته جوړشوۀ پۀ ښيښوکې مقامونه
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پتڼ پۀ منځ دبازارراغی
شمعې مخ پټ کړويلې نۀ دې پېژنمه
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پتڼ لۀ شمعې پۀ څنګ نۀ ځي
زۀ بۀ ديارله غمه ولې پرڅنګ ځمه
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پتڼ لۀ ما نه زده کړه وکړه
ځکه خپارۀ وزرونه شمعې له ورځينه
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پتڼه راشه کۀ پرې سوځې
ستاداجل شمعه پۀ لاس کې ګرځومه
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پټ بۀ دزړۀ دردونه تېر کړم
بې درده يارته بۀ ونه وايم حالونه
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پټ بۀ ديار لۀ غمه ژاړم
پټې بۀ وينې لړمانۀ ته تېرومه
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پټ بۀ ديار لۀ غمه ژاړم
چې مې پۀ درد ظالم خبر نۀ شي مينه
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پټ د ګودر په غاړه کينه
چې ياره پټ په پټ وکړو ديدنونه
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پټ کرمونه درب ډېر دي
جانان ته وايه وارخطانۀ شې مينه
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پټکی دې کوږ په وريځو کېده
زه د همزولو په کتار کې ناسته يمه
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پخوا به کله کله غم وو
اوس د غمونو قافلې راسره ځينه
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پر ګودر څه بلا لګيږی
چې کشر ورو يې بدرګه ورسره ځينه
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پر ګودر ګڼي ونی کیږده
چې شا ليلا منګی په سوری ډکو ينه
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پر ګودر نښه راته کيږده
د ما زد يګر اوبو له ځم وا به يې خلمه
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پردېس ځوانانو سره خوند کړي
چې جنکۍ په سفر ځي ارمان راځينه
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پرګودر سپينه سينه اوړی
په لاره تير يدم ودی ويشتمه
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پرګودر سور سالو ښکاره شو
ماوې دی تورو اوبو اورواخيسته مينه
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پرهر پرهر په توره راشې
چې پرهرونه دې ګنډم خوله درکومه
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پرېږده چې خړ سېلاب مې يوسي
په لامبوزن اشنا مې ډيره نازيدمه
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پرېږده چې سپي مې غوښې وخوري
بې وفا ياره در په در دې لټومه
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پرېږده چې سرو وينو کې رنګ شمه
د نيمې شپې له ديدن نه کراريدمه
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پلار يې د بر کلي ملک دی
لور يې د کوز کلي منګي راډکوينه
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پلاريې دبر کلی ملک دی
لور يې د کوز کلی منګی راډکو ينه
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په ا خرت به لالی غواړم
په دې دنيا يې ظالمان نه راکوينه
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په اخرت کې به نارې کړم
چې ناداني وه په ګناه نه پوهېدمه
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په اوښکو لوند ګرېوان مې ګوره
ستا له پېغوره مو رپه کور بند کړی يمه
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په باغ کې سرې غوټۍ ته وايه
چې تاته تور کشمالي ډېر سلام کوينه
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په بام ولاړه يمه زنګېږم
د خوبه نه يم د يار غم غلطومه
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په بل وطن کې پيدا نشوې
د نارنج ګله ننګرهار ته به درځمه
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په بنګو چرسو مې کار نشته
چي د جانان په کوڅه تېر شم نشه شمه
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په پتاسو دې اموخته کړم
اوس د جوارو ډوډۍ خوند نه راکوينه
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په تصور مې ځان پاچا کړ
چې سر مې جګ کړلو ګدا د دونيا ومه
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په تن مې تور چينجي لګيا شول
زړه ترېنه ساتم پکې ستا مينه لرمه
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په تناره مه ورغوړېږه
د وربل څوکې به دې اور وسوزينه
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په تور لحد کې به نارې کړم
زه د دنيا نه ارمانجن راغلي يمه
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په تورو ټوک ټوک شي مړ مشې
چې پرهرونه دې ګنډم خوله درکومه
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په تورو سترګو يې شهيد کړم
تورې جنډې راباندې ودروئ مينه
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په تُهمت مه شرمېږه ياره
په ښو ځوانانو پسې تل وي تُهمتونه
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په جدايۍ دې خفه نه يم
خفه پدې يم چې رقيب دې خپلوينه
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په جهان دوه څيزه مزه کا
يا سپينه خوله يا د بوړي توپک غږونه
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په څه خفه په څه جدا شوې
اوس راته وايه چې توبه ترې اوباسمه
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په خوله به جنګ درسره وکړم
د زړه کوڅې به درنه ولې بېلومه
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په خوله به جنګ درسره وکړم
د زړه کوڅې درځنې کله بيلومه
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په خوله به جنګ درسره وکړم
د سترګو لاندې به زارۍ درته کومه
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په خولې توبې توبې اوباسم
په تا مين زړګی توبې نه قبلوينه
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په دا يوه خبر خوشحال يم
چې خان غريب به ټول يوې خاورې ته ځينه
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په داسې خلكودې بدل كړم
چې دعزت سرمايه بالكل نه لرينه
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په ديواله مې سر اوچت کړو
جنۍ لګيا ده ځانله سترګې توروينه
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په زړه به لويه تيګه کېږدم
جانانه تانه به يې ورو ورو صبرومه
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په زړه دې ډېر داغونه راکړل
ستا دجفا کيسې به چا چا ته کومه
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په زړه مې غر دګيلو پروت دی
هله به يې وايم زه دې سر په زنګون ږدمه
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په زنکدن دې ژبه بند شه
ماته دې ټول عمر دروغ ويلي دينه
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په زنکدن کې مې رانغلې
د جنازې لاندې مې مه ځه مخ تورنه
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په زنکدن مې راحاضر شه
بيا تر قيامته پورې نشته ديدنونه
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په زنکدن مې راحاضر شه
چې په سلګو کې سترګې تاته واړومه
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په زيارتونو به جوړ نه شم
ما به د سپينې خولې ازاد اخيستی وينه
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په ژړا هغه خلک ژاړي
چې د محفل ياران يې تورې خاورې شينه
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په سپينه ږيره راپسې شوې
رب خو دې مړ کړه د لمسۍ په ځای دې يمه
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په سر دې کوم غماز ولاړ دی
چې دې زما غريب يارۍ ته نه پرېږدينه
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په سور سالو کې ګناه نشته
ګناه نجلۍ کې ده چې ړنګه بنګه ځينه
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په صبر صبر پوره نشوه
سبا مې نيت دې بې صبرۍ ته ملا تړمه
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په صورت روغ درته ښکاريږم
لکه غنم د زړه په سر چاودلی يمه
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په غټو سترګو دې مين شوم
ځکه مې غټې غټې اوښکې په مخ ځينه
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په غم کې ستانه کمه نه يم
لېونۍ نه يم چې به کلي خبرومه
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په کټ کې سمه شه ځای راکړه
لکه لړم په دېوالو رااوښتی يمه
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په کشمالو کې مې حلال کړئ
چې جنازه مې ښاپيري اوچتوينه
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په کوڅه تېر شوم ګناهګار شوم
شړنګار يې خيږي زولنې راته راوړينه
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په کوژدن شوې مئين مه شې
ته به ولاړ يې دا به بل ته ودوينه
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په گودر سور سالو ښکاره شو
ما ويل دې سپينو اوبو اور واخيست مينه
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په ګودر څه ټکه لو يدلی
چې کشره خور يې بدرګه ورسره ځينه
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په ګودر سور سالو ښکاره شو
ما وېل دا سپينو اوبو اور واخيست مينه
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په ګودر سور سالو ښکاره شو
چاوې سالو دی وچاوې اور ولګيده
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په لاره تلې کږه وږه شوې
د ډېره خاله دې زېړ ګل وشرماونه
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په لاره تلې مخ دې راستون کړو
د ظالم لورې په ګولۍ دې وويشتمه
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په لښتي ټوپ کړه بيا راټوپ کړه
چې د اوربل روپۍ دې ګډې وډې کړمه
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په لوی ګودر دی څڼی پری ولی
په نری بادی يې وچوی مين دی کړمه
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په ما دې ټول کلی خبر کړ
په تا دې يو دا دا خبر دی زړه دې چوينه
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په ما دې ځوانه ځواني اور کړه
په تا دې اور شي د همزولو مجلسونه
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په ما دې کړې څه بلا ده
چې دې د در خاورې په جېب کې ګرځومه
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په مخ دې شړک د زلفو راکړو
ځکه مې اوښکې د ملالو سترګو ځينه
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په مرک به دواړه سره مړه شو
ارمان مې دا دی چې به وړاندې وروسته شونه
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په مرگ به مړ راپسې نشې
دا لباسي اوښکې د هر چا په مخ ځينه
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په مرګ به مرم پاتې به نشم
ګور ته به يوسم ستا رټلي ځوابونه
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په مرګ دې نه مري جانان خوږ دی
په رنځ دې پرېوزي چې پوښتنې له ی ورځمه
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په مسافرو مې زړه نه سوو
اوس مې پرې سيزې چې مې يار مسافر شونه
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په ناعلاجه مرض پروت يم
په اشنا دوه قدمه ګران دي نه راځينه
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په نيمه شپه دې بېرې راوړې
بېرې دې نه خورم ما توتان خوړلي دينه
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په نيمه شپه راشه جانانه
د زړه تمبې مې نيمکښو پرې ايښي دينه

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