جانان په هيڅ نه رضا کيږي
د دروغجن ملا دې ورک شي تعويذونه
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جانان
زما زه د جانان يم
که په
بازار مې خرڅوي ورسره ځمه
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جانان
زما سره پښتو کړي
چې سترګې
توري کړي لکۍ ورته پرېږدينه
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جانان مې
ستوری د اسمان دی
نه ورختی
شم نه مې زړه صبر کوينه
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جانان مې
لاړو اسماني شو
اسمان چې
ځمکې ته راځي قيامت به وينه
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جانانه
تور څادر په سر کړه
ځان مرور
کړه چې جرګه دروليږمه
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جانانه
ته خو داسې نه وي
د چا
خبرې دې ضرور منلي دينه
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جانانه
ته خوداسې نه وې
ښايي
جواري دې دبل چاخوړلي دينه
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جانانه
خپل وطن ته راشه
پردی وطن
د مېړو قدر کموينه
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جانانه
خپل وطن ته راشه
په
دالانونو کې دې لګي خړ بادونه
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جانانه
خپل وطن ته راشه
غمازان
ستا په جدايۍ اختر کوينه
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جانانه
خپل وطن ته راشه
که خلک
ډېر دي پرې اباد دي خپل کورونه
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جانانه
دومره په ما گران يې
چې ته
روان يې زه دې شمارم قدمونه
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جانانه
دومره را سره واي
لکه بر
يښنا چې د با رانه سره وينه
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جانانه
راشه چې پخلا شو
زمونږه
څوک دي چې به مونږ پخلا کوينه
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جانانه
راشه چې پخلا شو
عمر د
ژمې مازديګر دی تېر به شينه
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جانانه
راشه دا دی وخت دی
پلار مې د
سر سودا د بل سره کوينه
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جانانه
راشه که ديدن کړي
د زنکدن
خولې په ما راغلي دينه
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جانانه
راشه که راتلی شې
ښکلی بشر
مې په کفن کې پټوينه
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جانانه
زېری مې درباندې
زمونږه
کډه ستاسې کلي ته درځينه
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جانانه
ستا د زړه لپاره
زه په
غرمه د ګودر غاړی له درځمه
-------------------------------
جانانه
ستا ديدن لپاره
زه په
زړه شپاله کې بېرې ټولومه
-------------------------------
جانانه
ستا ديدن لپاره
زه د
کابله په ټکس راغلی يمه
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جانانه
غلی غلی ګورې
يا دې څه
ورک دي يا دې زه ليدلې يمه
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جانانه
غم دې دومره خوږ دی
چې د
دنيا خواږه يې خاورې ايرې کړنه
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جانانه فکر
پکې وکړه
مينه سور
اور دی وارخطا نشې مينه
-------------------------------
جانانه
ولې لېونی شوې
په لاره
ځې په تيګو ولې زيارتونه
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جانانه
ويښ يې که ويده يې
ستا په
کوڅه مې لاس تړلی تېروينه
-------------------------------
جدايي
راغله لارې دوه شوې
مرګ مې
قبول دی جدايي نه قبلومه
-------------------------------
جنۍ د
پلاره دی وير يږم
ګودر ته
راشه کور ته نه درسره ځمه
-------------------------------
ځان په
ازغوباندې سوری كړه
كه چېرې
غواړې ديارغېږه كې خوبونه
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ځان د
وطن په شمع سيزه
چې
پتنګان دې د زيارت طواف کوينه
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ځان دې
زما په ديدن موړ کړه
بيا به
مخ په سپين کفن کې پټوينه
-------------------------------
ځان يې
زړو جامو کې جوړ کړو
لکه په
وران کلي کې باغ د ګلو وينه
-------------------------------
ځای د
داغلو په کې نشته
جانانه
څله داغوې داغلي زړونه
-------------------------------
چا يې
پلو ليدلی نه و
اوس د
تورخم په سرک ځي سرتور سرونه
-------------------------------
چرګه مرۍ
کې ناسور شه
زه د
ليلا غېږې ته اوس راغلی يمه
-------------------------------
چنار به
ولې سر لوړ نه کا
چې جنکۍ
ورلاندې سترګې توروينه
-------------------------------
چې په
ژوندون مې په کار نشوئ
که مې د
قبر مجناور شې څه دې کړمه
-------------------------------
چې په
ښايست مې خفه کيږې
نور به د
ځمکې خوب کوم چې ژېړه شمه
-------------------------------
چې په
مرض مې نه پوهېږې
طبيبه مه
ګوه زما د لاس رګونه
-------------------------------
چې پېغله
لور يې په کاله وي
پس د
ماښامه دې پنځډزی ګرځوينه
-------------------------------
چې پېغله
لور يې په کاله وي
د هغه
کور سابه جواری مزه کوينه
-------------------------------
چې تاته
ګورم ژړا راشي
چې ځانته
ګورم په ما لا ډير دي غمونه
-------------------------------
چې تورو
خاورو ته مي سپاري
په خولې
مې کېږده د سورکو شونډو سرونه
-------------------------------
چې توره
نکړې نو به څه کړې
چې دې
شېدې د پښتنې رودلي دينه
-------------------------------
چې جنازه
مي روانيږي
پاس په
کفن باندې مې وشينده ګلونه
-------------------------------
چې چېرته
ته وای هلته زه وای
نصيب
تقدير مې له تا لرې ګرځوينه
-------------------------------
چې څوك
له خپله ځانه دروندوي
ټولې
دنياته ددراندۀ ګومان كوينه
-------------------------------
چې خط مې
وايي ورته ژاړه
ماچې
ليکه ورته مې ډېرژړلې دينه
-------------------------------
چې خويندې
کښېنې ورونه ستايي
چې ورونه
کښېنې خويندې بل ته ورکوينه
-------------------------------
چې د
ديدن نصيب يې نه وي
په يوه
کوڅه کې سره وړاندې وروسته شينه
-------------------------------
چې راپسې
نشې قرانه
زه د
جانان لپاره لاس درباندې ږدمه
-------------------------------
چې
ژوندون وي جانان به راشي
چې
ژوندون نه وي بيابه نه وي ديدنونه
-------------------------------
چې سا مې
اوځي رانږدې شه
په دواړو
سترګو راته کيده سره لاسونه
-------------------------------
چې سترگې
تورې کړم شرميږم
چې شونډي
سرې کړم غمازان مې نه پرېږدينه
-------------------------------
چې سر
زما وي څنګل ستا وي
د هغه
وخت په انتظار يم رابه شينه
-------------------------------
چې سر
زما وي څنګل ستا وي
مزه به
دا وي چې ويده د عمر شمه
-------------------------------
چې سړی
هر څومره پښتون شي
زړه چې
مئين شي پښتو ټوله ترېنه ځينه
-------------------------------
چې سور
پرتوګ دې وکړو
نور يې
زمونږ دکلي منع کړه چې مرمه
-------------------------------
چې عاشقي
يې کړې نه وي
د پادې
خر دی سبا ځي بېگا راځينه
-------------------------------
چې عاشقي
يې کړې نه وي
هغه به
څنگه د ايمان دعوه کوينه
-------------------------------
چې فکر
بند په زولنو کړم
چې رانه
خلاص شي برابر جانان له ځينه
-------------------------------
چې کله
کله راپه ياد شې
دېوال ته
کېنم ځانته غلی وژاړمه
-------------------------------
چې کلي
واله مې ګڼلې
ځکه مې
سوال د سپينې خولې درته کاونه
-------------------------------
چې ماز د
يګر شی زړه مې ښه شی
په ګودر
حوړ شی د منګيو کتارونه
-------------------------------
چې مازد
يګر شی عاشقان ژاړی
چټه له
خياله منګی وړی په ګودرونه
-------------------------------
چې مې په
جېب کې دولت ډېر و
خپل مې
لا څه چې د پردو خپل شوی وم
-------------------------------
چې مې د
تورو سترګو وار و
د چا به
کار و چابه هسې غږ کوونه
-------------------------------
چې وعده
وکړې پوره يې نکړي
ژبه يې
پرې کړې چې وعدې پرې نه کوينه
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چې وي
پښتون اوپښتونكړي
داسې
كسانوته به ګورې كړنګونه
-------------------------------
چې هديره
باندې تيرېږې
زما مزار
ته مخ راواړوه مينه
-------------------------------
چې يوړم
يوړم اوبو يوړم
چې بې
ګودره ګډ يدم اوبو به وړمه
-------------------------------
چېرته
عاشق سړی ولاړ دی
ساړه
ساړه اسويلي کړي باد يې راوړينه
-------------------------------
څانګه به
نن سبا کې ګل شي
ما يې په
سر کې سرې غوټۍ ليدلي دينه
-------------------------------
څنگ ته
مې مه راځه جانانه
سبا به
بوی د لونگين درڅخه ځينه
-------------------------------
څنګه په
سپينه جامه ګرځې
رب دې
مئين کړه چې خيرن دې ووينمه
-------------------------------
څنګه د
ورايه په خندا شوې
لکه چې
غم دې د زړه ټول هېر کړی وينه
-------------------------------
څنګه نرۍ
يې لکه لښته
مور دې
ړنده شه چې په تا اوبه راوړينه
-------------------------------
څوک په
رضا له ملکه نه ځي
يا ډېر
غريب شي يا د يار له غمه ځينه
-------------------------------
څوک چې
په چا باندې مين شي
هغه غمجن
شي د هر چا د خندا شينه
-------------------------------
څوک چې
په شنو سترګو مين شي
پس د
ماښامه دې پنځډزی ګرځوينه
-------------------------------
څوک چې د
ښکلو وفا غواړي
ماته
کيسه د صنوبر راياده شينه
-------------------------------
څوک چې د
يار په غېږ کې پروت وي
په نورو
خلکو د ړندو ګومان کوينه
-------------------------------
څوک مې د
حاله خبر نه دی
لکه چنار
مې په ډډ اور ولګېدنه
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خا ونده
دا ګناه مې معاف کړی
بيا به
دخوړ په عاړه نه کرم ګلونه
-------------------------------
خال به د
يار له وينو کيدم
چې په
شين باغ کې ګل ګلاب وشرموينه
-------------------------------
خال يې
په غونډه زنه کېده
بيا ما
ورپرېده چې پرې څه نخرې کومه
-------------------------------
خاورې د
يار د کوڅې راوړئ
پاس په
کفن کې ( لا اله) راته ليکينه
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خاونده
بيا دې پسرلی کړو
جونه
شفتل کړي وړکي سيل ته تللي دينه
-------------------------------
خاونده
بيادی مازد يګر کړ
په ګودر
جوړشو دمنګيو کتارونه
-------------------------------
خاونده
ټوله مې ترې ځار کړې
زما په
سر يې غرغرې منلي دينه
-------------------------------
خاونده
څه چارې راوشوې
نه مې
يار يار شو نه يې خلاص د غمه شومه
-------------------------------
خاونده
دا به دې رضا وي
چې د
ځوانۍ عمر په غم کې تېرومه
-------------------------------
خاونده
دا به دې رضا وي
چې نور
دې ګل کړل زه غوټۍ ورژېدمه
-------------------------------
خاونده
دا به ستا رضاوي
چې
دځوانۍ عمر په غم کې تيرومه
-------------------------------
خاونده
دا ګناه مې معاف کړې
بيا به د
خوړ په غاړه نه کرم ګلونه
-------------------------------
خاونده
سل ځله ژوندراكړې
چې
دجانان په مينه سل ځله مړشمه
-------------------------------
خاونده
کوم يو پکې خوښ کړم
مرګ او
بېلتون راته جوړه راغلي دينه
-------------------------------
خاونده
ما خو داسې نه وېل
چې مساپر
شم څوک دې خير نه راکوينه
-------------------------------
خاونده
ما د ګودر ګل کړې
چې جنکۍ
مې شوکوي سر کې مې ږدينه
-------------------------------
خاونده
ما دګودر ګل کړی
چې جنکي
مې شوکوی سرکې مې ږد ينه
-------------------------------
خاونده
مرګ په ځوانۍ ورکړې
چې جنازه
يې د ارمانه سره وړينه
-------------------------------
خاونده
مرګ په ځوانۍ ورکړې
چې کلی
کور يې د ځوانۍ ارمان کوينه
-------------------------------
خبر مې
کله کله اخله
د
لېونتوب آواز مې نن سبا درځينه
-------------------------------
خپلو
جامو سره مې خښ کړئ
جانان په
غشو د بڼو ويشتلی يمه
-------------------------------
خدايه د
مور يې ورته پام کړې
چې په
لنډۍ زنه يې ووهي خالونه
-------------------------------
خدايه دا
مور يې لېونۍ کړې
مئين پرې
زه يم اوس يې بل ته ورکوينه
-------------------------------
خدايه
کوچيان په کوچ روان کړې
چې دا
ښايسته بدرنګې ګډې وډې شينه
-------------------------------
خدايه
ګورګورې تورې مه کړې
جنکۍ سرې
شونډې ورځي تورې راوړينه
-------------------------------
خدايه
مئين څوک په چا مه کړې
چې وس يې
نه رسي په مخ يې اوښکې ځينه
-------------------------------
خدايه
نری نری باران کړې
چې د
ليلا ګډې تړلې پاتې شينه
-------------------------------
خدای به
دې بيا راته محتاج کړي
زومبک
زومبک څڼې مې بيا راغلي دينه
-------------------------------
خدای به
دې زلفې په لاس راکړي
ماته د
کلي ماشومان دوعا کوينه
-------------------------------
خدای به
مو بيا سره يو ځای کړي
دسمال
راواخله اوښکې پاکې کړه مينه
-------------------------------
خدای په
وړې جلکۍ مئين کړم
د کوټنو
ګټې په ما راچلوينه
-------------------------------
خدای خو
دې دا ځلې راجوړ کړه
بيا مې
توبه ده ښېرې نه درته کومه
-------------------------------
خدای خو
دې دا ځلې راجوړ کړه
خلک به
وايي چې سپېره دی يار يې مرينه
-------------------------------
خدای دې
په تنګه کوڅه راکړه
چې د
سينې روپۍ دې ګډې وډې کړمه
-------------------------------
خدای دې
په داسې ځای کې راکړه
چې ته
نارې کړې زه دې غېږ کې ټينګومه
-------------------------------
خدای دې
په سر منګی ټوټی کړه
چې په
اوږدو زلفو دې راشي سېلابونه
-------------------------------
خدای دې
په واورو کې ايسار کړه
چې د
تودې غېږې مې درشي ارمانونه
-------------------------------
خدای دې
د پوزې پېزوان مات کړه
چې د
زرګر په دوکان دواړه يو ځای شونه
-------------------------------
خدای دې
د خولې لاړې دارو کړه
زه درتلی
نشم بس دوعا درته کوومه
-------------------------------
خدای دې
زما کړه غونډې منډې
په سر به
پنډې چلوم تابه ساتمه
-------------------------------
خط مې
ليکو قلم مې مات شو
د جانان
نوم رانه نيمګړی پاتې شونه
-------------------------------
خلک به
وايي چې وړه ده
وړې زما
په زړه چړې منډلې دينه
-------------------------------
خلک تپوس
له د رنځور ځي
زه چې
رنځور شم د جانان تپوس وړمه
-------------------------------
خلک
چارګل خونړی بولي
ما د
نتکۍ په ډنډر ډېر وژلي دينه
-------------------------------
خلک دې
وايي تُهمتونه
زه د
ليلا په غېږ کې چا ليدلی يمه
-------------------------------
خلک
زيارت له پتاسې وړي
زه د
جانان لپاره غونډه روپۍ وړمه
-------------------------------
خلک شراب
وڅښي نشه شي
ما د
ليلا د لاس اوبه نشه کوينه
-------------------------------
خلک
قيامت ته خفه کيږي
زه
خوشالېږم چې جانان به ووينمه
-------------------------------
خلک له
غمه امان غواړي
زه د
جانان په غم کې ډوب خوشاله يمه
-------------------------------
خلک مې
ټول تپوس له راغله
هغه
رانغلو چې يې پروت له غمه يمه
-------------------------------
خلکو زړې
يارۍ تازه کړې
زما په
نوې يارۍ اور ولګېدنه
-------------------------------
خلکه
ګودرګوري ګډيږی
زه بې
ګودره ګډيدمه لا هو شومه
-------------------------------
خمارو
سترګو ته دې وايه
چې مې
ماشوم زړګی نور نه ازاروينه شي
-------------------------------
خندا کوې
ياري دې نشته
تشه خندا
د لباسې جنکو وينه
-------------------------------
خود به
يې زه د در ملنګ يم
چې سپينه
خوله راته خيرات کې راکوينه
-------------------------------
خولګۍ دې
خورم نه پرې مړېږم
نامردې
تا پکې ګني کرلي دينه
-------------------------------
خولګۍ دې
خورم نه پرې مړېږم
نامرې
ټوله راپشا شه چې دې وړمه
-------------------------------
خولګۍ مې
خوره څو يې خوړای شې
شکره نه
ده چې په تول به کمه شينه
-------------------------------
خوله به
په زوره درنه واخلم
وړوکی نه
يم چې ځاري درته کومه
-------------------------------
خوله به
تر شونډو لاندې درکړم
په تورو
غاښو مې لونګ کرلي دينه
-------------------------------
خوله به
د خدای په رضا درکړم
منګۍ مې
ولی ښوروی لنده دې کړمه
-------------------------------
خوله د
ډېوې رڼا کې راکړه
په توره
شپه کې دې زلفان خولي له راځينه
-------------------------------
خوله د
ملا د لور خوږه وي
د شکرانې
چرګان يې ټول خوړلي وينه
-------------------------------
خوله دې
د تريو انار دانه ده
د
رنځورانو قافلې درپسې ځينه
-------------------------------
خوله دې
د سپينو زرو جام دی
زما پرې
پام دی چې موزي پرې اوبه څښينه
-------------------------------
خوله مې
غوښته ژبه يې راکړه
خدايه
سخي نجلۍ ته ورکړې جنتونه
-------------------------------
خولې ته
مې سوړ اوسېلی راغی
زړګيه
بيا به دې جانان ياد شوی وينه
-------------------------------
-------------------------------
-------------------------------
-------------------------------
ما په
ګودر د جنو ښخ کړی
ګو ندې
ملا له پر ما کيږدی قد مو نه
-------------------------------
ما خو د
ليرې نه صحي کړې
نور دې
په تورو زلفو مه وهه لاسونه
-------------------------------
ما د
کوچي د عمره ځار کړې
د سبايي
اور يې بليږي دوی ترې ځينه
-------------------------------
ما د
کونړ د سيند نه ځار کړي
زما
جانان به پکې مخ مينځلی وينه
-------------------------------
ما د
ګودر په غاړه خښ کړئ
چې جنکۍ
مې مات بنګړي په قبر ږدينه
-------------------------------
ما د
نصيب نه تېښته وکړه
نصيب زما
د لارې مل راسره ځينه
-------------------------------
ما دګودر
په غاړه ښخ کړی
چې جنکۍ
مې مات بنګړی په قبر ږد ينه
-------------------------------
ما دې
ټوپۍ په سر ګڼله
د جنکو
په وار پيدا ورکه دې کړمه
-------------------------------
ما زد
يګر تل لری خاونده
چې ماز د
يګر په ګودر وشی د يدنونه
-------------------------------
ما سره
سم ګودر له لاړ شه
منګي مې
دوه دی نری ملا مې ما تو ينه
-------------------------------
ما سره
سمه سيالي مه کړه
ما د
لنډيو سيپارې ويلي دينه
-------------------------------
ما له مې
وړی زړگی راکړه
زه وم
نادانه په يارۍ نه پوهېدمه
-------------------------------
ما له
وړوکي ريبار ځار کړې
چې يوه
خبره دوه ځلې راته کوينه
-------------------------------
ما ويل
يوازې زما يار يې
د اختر
ټال يې هر سړی دې زنګوينه
-------------------------------
ما وې د
غمه به دې مړ شم
قسم دی
ياره بې نېټې نشته مرګونه
-------------------------------
ما
يارانه کله کوله
سرتور
ولاړ وې له ښېرو دې وېرېدمه
-------------------------------
ما يې د
ورور د سترګو ځار کړې
ده به د
خور سترګو ته ډېر کتلي وينه
-------------------------------
ما يې د
ورور د سترګور ځار کړې
دا د
ورور سترګي يې د خور په شانته دينه
-------------------------------
ماته دې
دومره ديدن بس دی
چې په
کوڅه کې پښه نيولی شې مينه
-------------------------------
ماته
رباب په لاس کې راکړئ
چې زه ده
خپلې ځوانۍ وير پکې کومه
-------------------------------
مازديگر
چېرته وې چې نه وې
خورې ورې
زلفې په بام ولاړه ومه
-------------------------------
مازديګر
پيغلی ښی اغلی
منګي په
ولو دګودر غاړی له ځينه
-------------------------------
مازديګر
لمونځ دې قبول مشه
ديدن دې
پرېښود د ايمان کوې سوالونه
-------------------------------
مازديګر
لمونځ رانه قضا شو
نوی مين
وم په دیدن نه مړيدمه
-------------------------------
مازديګری
دی سوال قبليږي
خلکو زما
په حق کې پورته کړئ لاسونه
-------------------------------
مازديګری
دی ښېرې مکړه
ستا به
عادت وي ما به ورک له ملکه کړينه
-------------------------------
مبارکي
راکړئ عالمه
چې پرې
مين وم ترې چاپېر مې کړل لاسونه
-------------------------------
مبارکي
راکړئ عالمه
د
تهمتونو سره يار قبوله کړمه
-------------------------------
مبارکي
راکړئ عالمه
نادانه
زه نادان مې يار ورسېدنه
-------------------------------
مخ په
قبله مې د يار کور دی
لمونځ مې
بانه کړ د اشنا ديدن کومه
-------------------------------
مخې ته
راغله راته ژاړي
د لونګين
نه يې ځونډي ورک شوي دينه
-------------------------------
مرګيه
دومره صبر وکړه
يو مې
ځواني ده بل مې ډېر دي ارمانونه
-------------------------------
مرګی په
تنګه کوڅه راغی
ما وېل
سلام هغه وېل کور دې ورانومه
-------------------------------
مړ مې د
يار په کوڅه يوسئ
چې د
نجلۍ د دادا يخ شي اندامونه
-------------------------------
مساپري
په بې غمي کړه
زه پښتنه
يم په نامه دې ناسته يمه
-------------------------------
مساپري
دې ډېره وکړه
راځه
راځه روزي به خدای رارسوينه
-------------------------------
مساپري
سخته خواري ده
باران به
اوري څوک به ځای نه ورکوينه
-------------------------------
مسافر ته
شوې خواره زه شوم
خواره دې
مور شه چې سفر ته دې ليږينه
-------------------------------
مسافر مه
وژنئ عالمه
چېرته به
يې خويندې د دين په تمه وينه
-------------------------------
مسافري
دې روزي مه شه
زه دې په
سپينه خولې ويده پرې ايښې ومه
-------------------------------
مسافرۍ
خوړليه ياره
پيزار اوباسه
چې دې تلې ښکلومه
-------------------------------
مسافرۍ
خوړلی راغلی
قربان
قربان دې د زړو جامونه شمه
-------------------------------
مسافرۍ
مې زړه نری کړ
چې تش
وطن رايادوم ژړا راځينه
-------------------------------
مسافرۍ
نه ستړی مشې
اول خوله
درکړم که دې جېب ولټومه
-------------------------------
مسلماني
په چاكې نشته
مرور
ګرځم څوك مې نه پخولاكوينه
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ملنګه
دوه ګټې دې وکړې
يو دې
خير ټول کړو بل دې وکړل ديدنونه
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منگيه
بخت ته دې حيران يم
اول دې
ښکل کړي بيا دې غېږ ته خېږوينه
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منګي کې
موری اوبه نه شتهخ
زه د
اوبو لپاره کوز ګودر له ځمه
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منګي يې
ټول په ډنډ غو په کړل
د شيطا
نۍ منګی په لپو ډکو ينه
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منګي يې
ټول په ډنډ غوپه کړم
د شيطانۍ
منګی په لپو ډکوينه
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منګی به
تخرګ ګودر له ځمه
دغه يو
ځای دی چې بری کيږی د يدنونه
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مور يې د
کلي شومړې غواړي
لور يې
په سپينه روپۍ خوله نه ورکوينه
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مور يې د
کلي شومړې غواړي
لور يې د
لارې مېلمانه راستنوينه
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مور يې
ماڼو ورته لوګی کړې
زيارت له
تلې چا به يې مخ ليدلی وينه
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مورې
توپک کمربند راکړه
په ما
مينه نجلۍ بل ته ورکوينه
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مورې د
مخه دې شرمېږم
ماله
کوژدن چا کره وکړه زوړ دې کړمه
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مورې
کوچيانو ته مې ورکړه
چې تور
پېکی مې د هلبند شمال وهينه
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مورې
کوچيانو ته مې ورکړه
کنډک
کنډک مستې به خورم غټه به شمه
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مورې
لنډۍ توپك مې راكړه
په
مامينه جينۍ بل ته وركوينه
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مورې
لنډۍ توره مې راکړه
په دين
غزا ده زه خپل ځان شهيدومه
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مين زړګي
ته مې سلام دی
چې تمامي
عمر په صبر تېرومه
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مينه په
تګ راتګ زياتيږي
مونږ کره
مه راځه چې زړه دې صبر شينه
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مينه په
تلو راتلو زياتيږي
کله راځه
کله به زه درځم مينه
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مينه د
مينې پيدا کيږي
په مينه
مينه دې کتل مين دې کړمه
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مينه د
مينې پيدا کيږي
په مينه
مينه دې کتل مين دې کړمه
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مينه
دروغو زړونوكاردى
زموږه
زړونه غريبۍ وژلي دينه
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مينه کې
هر څه هر څه کيږي
په تا
يوه خبره راغله هېر دې کړمه
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مينې دې
داسې لېونی کړم
په لاره
ځم خپل او پردي نه پېژنمه
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نارې وهم
نارې مې نه اورې
هله به
يې واورې چې زه تورې خاورې شمه
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نجلۍ په
سر دې منګی مات شه
چې په
سرکو شونډو دې راشي سېلابونه
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نجلۍ د
بام په سر کږه شوه
ورسره
کوږ شومهد پانډه ولوېدمه
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نجلۍ کږه
شوه ماته نشته
د کونډې
لور ده مور غوړي ورکړې دينه
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نجلۍ که
ټوکی د بخمل دی
يار يې
نيستمن دی په ژړا له ملکه ځينه
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نجلۍ وړه
د يارۍ نه ده
کم عقله
مور يې ورته سترګې توروينه
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نجلۍ
ولاړه په لمانځه ده
پېرزو مې
نشي تور پيکی په خاورو ږدينه
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نری نری
لوګی ترې خيږي
د چا په
نوې يارۍ اور ولګېدنه
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نړۍ مريح
ته رسيدلې
موږلاتراوسه
وړوپه خروباندې بارونه
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نښې دې
ډېرې ما سره دي
نښې دې
څه کړم چې دې سترګې نه وينمه
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نصيب مې
خپل دی رارسيږي
مورې زما
په نصيب مه کوه جنګونه
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نصيبه
وسوزې ايره شي
تنديه
مات شې تاکې څه ليکلي دينه
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نن خو مې
ډير ياديږې ياره
خدای دې
ناڅاپه چيرته راوله مينه
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نن د
ګودر په لاره مه ځه
ليلا
ولاړه ده په زړه ويشتل کوينه
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نن مې د
قبر خواله راشه
مبارکي د
نوي کور راکړه مينه
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نه به
انځر د ورځې ګل شي
نه به
زما زړگی د غمه خالي شينه
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نه دې د
ځان نه دې د بل کړم
د دادا
کور کې دې زړه کړمه ظالمه
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وايم چې
داسې ځای ته لاړ وای
چې ستا
دې ډېرو ناکردو ته وګورمه
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وخت د
ځوانې مې نيمه خوا شو
يار بې
وفا شو ارمانې به ګودر له ځمه
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ودرېدی
نشمه غورزيږم
تاو کړي
غشي مې د غم خوړلي دينه
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ودې
ويشتم پورته دې نه کړم
خلک
ويشتلی مرغۍ ژر پورته کوينه
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وربل يې
پوړې پوړې راغی
بخت د
هغه دی چې يې پولې ورانوينه
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ورشه د
يار خبر دې واخله
چې بې
ديدنه دې ساته لېونه شونه
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ورکه د
کور کلي ياري شه
د زنې سر
مې دېوالو وسولاونه
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وطن به
ستا لپاره پرېږدم
چې ستا د
حسن دوران تېر شي رابه شمه
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وطن د
مور او پلاره خوږ دی
جانانه
درې واړه پرېږدم تا سره ځمه
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وطن مې
تن ،تن مې وطن دي
دتن په
وينويې ساتم ترڅوچې يمه
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وطن مې
ستا له غمه پرېښود
خلکو ته
وايم چې نيسۍ اخيستی يمه
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ولاړه
اوسه چې دې وينمه
چا دې
صفت راته کوو راغلی يمه
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ولې دې
سر په زنګنو کړ
ما په
ځوانانو کې خوښ کړې يې مينه
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ولې دې
مخ زما نه پټ کړ
اشنا
غماز درته دروغ ويلي دينه
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ولی به
زه ور پسی نه مر م
اوږی په
غاړه ما زد يګر ګودر له ځينه
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هر کله
راشې د يار غمه
که سل مې
نور وي تا به پاس په تندي وړمه
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هر مازد
يګردی لوی اختر دی
ګودره !
ځکه دی صفت هر ځای کو مه
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هغه دې
هېر دي که دې ياد دي
چې د
کړکۍ شمال په دواړو لګېدنه
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هغه ساعت
به کله راشی
چې د
اشنا سره به بر ګودر له ځمه
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يا خو
زما په زړه تياره ده
يا خو په
ټوله دونيا پرېوتل ګردونه
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يا خو
زما نصيب خراب دی
يا خو به
ټولې يارانې دغسې وينه
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يار مې
په اوم کې زه اتم کې
يو کال
به پاتې شم چې دواړه يو ځای شونه
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يار مې
په شنو سترګو مين دی
زه به دا
تورې سترګې چېرته بدلومه
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يار مې
هندو زه مسلمان يم
د يار
لپاره درمسال جارو کومه
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ياره
زموږكلي ته راشه
يوڅه په
جيب كې ستالپاره ګرځومه
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ياري په
تور او په سپين نه ده
دا
معشوقې خو غنمرنګې خوند کوينه
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ياري په
تور او په سپين نه ده
زړه چې
مين شي تور او سپين نه پېژنينه
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ياري خو
تا پرې کړه کمبخته
که ما
پرې کړې وای ژړلي به دې وونه
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ياري خو
تا کړه ما خو نکړه
اوس يې
چې لنډه پرې کوې ژړا راځينه
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ياري د
دنګې نجلۍ خوند کړي
د پلو
لاندې سړی غلی تېروينه
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ياري د
زور خبره نه ده
که زړه
دې نه وي بيا دې نه مجبورومه
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ياري د
شنې لښتې ګوزار دی
چې چا
خوړلی رنګ يې ځای ته نه راځينه
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ياري دې
ټوله د ټګۍ وه
ښه شو چې
زر دې په مطلب ورسېدمه
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ياري دې
نه کوم ډاريږم
د لرې
لرې نندراې به دې کومه
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ياري دې
نه وه خوب ليدل و
څو چې مې
سترګې غړولې سبا شونه
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يم خړ
پښتون خړ مې ژوندون دی
خړو جامو
کې به فردوس جنت له ځمه
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يو اخيري
مصره دې داوي
اخر يې
مه کړې د ځوانانو مجلسونه
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يو ځلې
بيا په دې لار راشه
په
پخوانو قدمو دې پرېوتل ګردونه
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يو ځلې
راغلی خوله مي ورکړه
لار يې
صحي کړه په غضب ککړه شومه
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يو خو دې
غونډه منډه خوله ده
بل دې
خبرې په کنډه تللي دينه
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يو دې
غريب پيدا کړم خدايه
بل دې
مين په کبرجنې نجلۍ کړمه
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يو زخم
نه دی چې به جوړ شي
هزار
زخمونه مې په زړه دي مړ به شمه
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يو ګوټ
اوبه منګی نه راکړه
د وصال
تږی يم اوبه بهانه کومه
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يو وارې
ټينگه غېږه راکړه
بيا دې
دا دا له توره ورکړه چې راځينه
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يوازې
خدای به پرې خبر وي
د خندا
ډکه خوله به چيرته ناسته وينه
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يوازې
ژوند مې په کار نه دی
چې اشنا
لاړو زه به تور لحد ته ځمه
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-------------------------------
-------------------------------
-------------------------------
اب کوثر
جانانه راشه
د بېلتانه
پۀ سفر ځم تږی بۀ شمه
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اب و
دانه مې شوه تمامه
ليلا په
زړه راکړل د تورو گوزارونه
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الله دې
تا په چا مين کړي
چې تن دې
روغ وي زړه دې پټ کوي دردونه
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الله درې
ژر تياره ماښام کړي
چې کچکول
واخلم د يار در ته ودرېږمه
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اباسين
بيا پۀ څپو راغی
پۀ سر يې
راوړۀ سپينې خولې زېړ پېزوانونه
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اباسين
بيا څپې څپې دی
هره څپه
يې ورانوي د پګړۍ ولونه
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اباسين
راغی غاړې غاړې
پۀ سر يې
راوړۀ کشميري د خيال شالونه
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اپت وهلي
کښت ته راغلم
نه يې
شين توب شته نه هغه خوند راکوينه
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اټې اټې
زلفې دې توی شوې
د پا
غوندې پۀ دود دې سر سپين شومه
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اجر و
جزا د عمل حق ده
څوک چې د
نېکو عمل کړي نېکي بۀ وړينه
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احمده
خدای دې جنتي که
تر
هندوستانه پورې تا کړي جنګونه
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اختر به
بيا وطن ته راشي
زړګيه
تللی جانان بېرته نه راځينه
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اختر
پرون ؤ پرون تېر شو
دا د
دامان کوترو نن سرۀ کړۀ لاسونه
-------------------------------
اختر
پرون تېر شو عالمه
د بغدادو
کوترو نن راغلل سيلونه
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اختر په
منډه منډه راغی
نه مې
نتکۍ شته د نه د غاړې تاويزونه
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اختر پۀ
ټوکو ټوکو راغی
نه مې
اوږۍ شته نه د غاړې تاويذونه
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اختر پۀ
ورځ دې سينګار کړ
څوک دې
پۀ زړۀ دي که ډاډه وهې ټالونه
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اختر ته
ډېره خوشالېږم
زما ديار
وعده اختر دی رابۀ شينه
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اختر چې
تېر شي بيا بۀ راشي
دا د
ځوانۍ عمر پۀ بېرته نه راځينه
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اختر د
واړو مبارک شه
دا د
ځوانۍ عمر پۀ بېرته نه راځينه
-------------------------------
اختر دې
تا ته مبارک شي
چې لاس
او پښې دې بې حنا اور لګوينه
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اختر له
تا سره ښایېږي
نور خلک
خوشې د اختر هوس کوينه
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اختر
نژدې دی روژه لاړه
ليلا بۀ
چاته سرې منګلې ښکاروينه
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اختر
نژدې دی ياره راشه
مبارکي
بۀ يو وبل ته ورکوونه
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اختره
ستا د برکته
د جنکو
په سينه زانګي زيړ ګلونه
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اخر به
مرم پاتې بۀ نه شم
ته چې دا
سپينه سينه ږدې پۀ دېوالونه
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اخر بۀ
پاتې شې ميدانه
مسافر
کډۍ باروي وطن له ځينه
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اخر بۀ
خاورې شې بدنه
که دې هر
څو پر وطنو وګرزومه
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اخر بۀ
خاورې شې جانانه
ما اشنا
سترګې نا اشنا ليدلې دينه
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اخر بۀ
خاورې شې صورته
که دې هر
څونه پۀ زربفتو کې ساتمه
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اخر بۀ
دا دنيا شي ورانه
تر خاورو
لاندې بۀ شي ښکلي بشرونه
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اخر بۀ
کند کچکول راواخلم
چې کبرجن
جانان مې نه کوي پوښتنه
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اخر بۀ
مرم پاتې بۀ نه شم
که د
فولادو کلا تاو له ځانه کړمه
-------------------------------
اخر بۀ
وران شې پېښوره
د
ننګرهار نجونې ښېرا درته کوينه
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اخر ته
داسې درته وايم
اجازه
واخله چې جوړه کابل ته ځونه
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اخرنی
ځای دې لحد دی
ظالمه مه
کوه پۀ ما ډېر ستمونه
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اخيري
ورځ ده راته ګوره
بيا به د
يو بل د ليدو ارمان کوونه
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ادکې
مورې څراغ بل کړه
د مومن
خان پۀ وينو سرۀ شول بالښتونه
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اذان پۀ
ځنډ کوه طالبه
زه د
جانان غېږې ته اوس ورسېدمه
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ارام د
زړۀ مې پرې و نۀ شو
که مې له
سرو سترګو ويني تويومه
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ارمان
ارمان تېره ساعته
پيدا به
نشې که ملنګ درپسې شمه
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ارمان
ارمان خپله وطنه
د خپل
وطن جامې مې ولوېدې له تنه
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ارمان
ارمان د دا دا کوره
د ډکه
شکوره به چاپېره تاوېدمه
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ارمان
ارمان دی لويه خدايه
چې همېشه
مې د جانان کړای مجلسونه
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ارمان به
وکړې وخت به تېر وي
بيا به
وطن راپسې ګورې نه به يمه
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ارمان به
هلته زما درشي
چې سور
پالنګ درته يوازې پاتې شينه
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ارمان به
هلته زما درشي
چې کټ مې
واخلي تورو خاورو ته مې وړينه
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ارمان به
هلته زما درشي
چې مې
ځوځان په قبر وسپړي ګلونه
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ارمان به
هلته زما درشي
چې مې د
سخات پيسو ته ونيسې لاسونه
-------------------------------
آسمانه
درز وهه راولېږه
په ما
قيامت دی چې په ټولو قيامت شينه
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اسماني
تندر شوې جانانه
په ما
راپرېوتي ذرې ذرې دې کړمه
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امانتي
مې ګور کې کېږدئ
که اشنا
راشي ما به خپل کلي ته وړينه
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آواز يې
اورم کتی نشم
په
ښاپېرو مې سر و کار دی وبه مرمه
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اوبه د
بر ګودر خوږې دي
زه د
جانان لپاره کوز ګودر له ځمه
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اوبه د
کوز ګودر خوږې دي
لیلا د
يار لپاره بر ګودر ته ځينه
-------------------------------
اوبه
دکوز ګودر خوږې دي
زه د مين
د پاره بر ګودر ته ځمه
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اوبه دهر
ګودر خو ږې دي
جانانه
ستا لپاره کوز ګودر ته ځمه
-------------------------------
اور چې
بليږي اخر مړ شي
د مينې
اور سړی تر عمره سوزوينه
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اوښکي مې
سيند غوندې بهيږی
بیا به د
سيند د غاړی نهکوم سيلونه
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اول به
ته ورته حيران شې
که مې
ښکاره کړه د زخمي زړګي داغونه
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اول به
کله کله غم و
اوس مې
دوتر شو کروندې پکې کومه
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اول دې
ويل چې رامين شه
اوس راته
وايې چې خپل کار کوه مينه
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اول مې
فکر درته نه و
اوس مې د
زړه ستنې کږې درپسې دينه
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ايمان دې
ښه راته معلوم دی
په رواجي
برېتو دې مه وهه لاسونه
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بابا ته
لاړې سوال دې وکړو
په زړه
دې زه وم که دې نور کول سوالونه
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بابادې
ماوژلی نۀ دی
چې راته
نيسې دزړې ولې بندونه
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باباکوچيانوته
مې ورکړه
چې
تورپېکی مې دنښتروبادوهينه
-------------------------------
باباګلان
دباغه راوړه
زۀ يې
پېيمه جوړومه امېلونه
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بابامې
نۀ درکوي ياره
لاړشه
باباباندې مې وکړه تاويذونه
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باباولي
پرکندهاردی
زماجانان
يې وزيارت ته تللی ونه
-------------------------------
بابوټيکس
دې بېرته واخله
زۀ مې
شيرين جانان دکن ته نۀ لېږمه
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بابوټيکس
دې بېرته واخله
مامروراشناپخلاکړبېرته
ځينه
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بابوکره
زموږ وطن دی
جندوله
تاته سلامي راغلی يمه
-------------------------------
باتۍ
دتېلوپۀ زورسوځي
ماته
ديارغمونه اورشول ويې سومه
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باچارخصت
راکه چې ځمه
چې پۀ
وطن موغنم زېړ لويې کومه
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باچاهي
تخت مې پۀ کارنه دی
جانان بۀ
لوکازۀ بې وږي ټولومه
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باد د
جنت پکې لګيږي
د غرمې
خوب د شاليلا دېرې ته وړمه
-------------------------------
باددبهۍ
پۀ کې لګېږي
دغرمې
خوب بۀ دليلادېرې ته وړمه
-------------------------------
باددپغمان
له لورې راغی
زمادياردزلفوبوی
ماته راوړينه
-------------------------------
باددخوتن
دی راالوتی
ياعنبري
زلفې جانان سنبالوينه
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باددې
پلوله مخه يوسه
چې ګلابي
مخ دې پۀ سترګوووينمه
-------------------------------
بادسبازماقاصد
شه
زماشيرين
اشناته يوسه سلامونه
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بادسبايارمې
ويښ نه کړې
دسهارخوب
پرهلک ډېرغالبه وينه
-------------------------------
بادمې
ديارله لورې راغی
پۀ وازه
خوله به يې کوګل ته تېرومه
-------------------------------
بادنن له
پاسه که ښکې دی
بوی
دجانان مې پۀ دماغ ولګېدنه
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باده
پربادمې سلام وايه
پرهغه
بادچې داشناپۀ لورې ځينه
-------------------------------
باده په
باد مې سلام وايه
په هغه
باد چي د جانان په لورې ځينه
-------------------------------
باده
دخدای روی مې دروړی
ژرراته
وايه ګران زړګی څۀ حال لرينه
-------------------------------
باده
ديارحالونه راوړه
ظالمان
شته دي ماويارته نه پرېږدينه
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باده
ديارله لورې راشه
ماته
ملهم شه چې مې جوړشي پرهارونه
-------------------------------
باده
سلام پۀ جانان وايه
هغه سلام
چې باده تا راوړی ؤنه
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باران
داوښکومې ورېږي
بې نيازه
يارراته پۀ زړۀ راکړل زخمونه
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باران که
اوري باک يې نشته
واورې دې
نۀ اوري چې لارې بندوينه
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بارانه
ورو ورو واورېږه
دمسافرجانان
مې نشته دالانونه
-------------------------------
بارانه
ورو، وروپرې ورېږه
په مسافر
اشنا مې نشته دالانونه
-------------------------------
بارانه
ورو، وروپرې ورېږه
وړې، وړې
جنکۍ غره ته تللي دينه
-------------------------------
باغ ته
دې تګ مناسب نۀ دی
ګلان
شرمېږی مخ پۀ پاڼوپټوينه
-------------------------------
باغ چې
دزاغ پۀ حواله شي
بلبل نری
فريادکوي له باغه ځينه
-------------------------------
باغ له
دې تله مناسب نۀ دي
پخپله ګل
يې ګل دې ستاسلام کوينه
-------------------------------
باغچه پۀ
ګلوښه ښکارېږي
لکه
دپېغلې سينه ډکه پۀ ګلونه
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باغچې
دګلوشوې سمسورې
باغوان
وختي لښتي پر باغ تړلي دينه
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باغوانه
باغ مې دې خوښ نه شو
چې پۀ کې
نشته درامبېل چامبېل ګلونه
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باغوانه پاڅه
چې سهار دی
ګلان
دتندې درته خواست داوبوکړينه
-------------------------------
باغوانه
ورشه باغ سوتره که
سبادرځمه
دګلاب سيل بۀ کومه
-------------------------------
باڼه دې
مړه دي ښکته ګوري
لکه چې
مور دې نوره کور کې بندوينه
-------------------------------
باڼه دی
ورو جګ کړه شير ينې
ما ته دی
سم د زړه په سر ټو مبلی د ينه
-------------------------------
بدن
درياب زړه مې ګودر دی
د غم
ويلی پکې رګونه تللی دينه
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بړستن دې
واغوسته ويده شوې
په زړه
دې نشته د شرين جانان غمونه
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بله ډيوه
شه راته کښېنه
زه دې
پتنګ ستا د ديدن راغلی يمه
-------------------------------
بنګړو دې
نيمه شپه کې شرنګ کړو
زه دې
بهر تمبو ته لاس په نامه شومه
-------------------------------
بنګړي
نيم ښکته کړه نيم پورته
چې په
خالي مړوند دې سر ولګومه
-------------------------------
بوټي
راټول کړئ اور پرې بل کړئ
زموږ
دستور دی په رڼا خوله ورکوونه
-------------------------------
بورا به
خدای په گلو موړ کا
باغوانه
ستا نيمګړی نيت مې ژړوينه
-------------------------------
بيا به
پدې کلي رانشم
د کلي
مينځ د لېونۍ ورسېدنه
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بيا به د
کلي په منځ نه ځم
د کلي
منځ دلېونۍ ورسېدنه
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بيا به
ديار کلي ته نه ځم
په خندا
لاړ شم په ژړا بېرته راځمه
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بيا به
دې نوم په خوله وانخلم
بېګاه دې
مور له دروازې شړلی يمه
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بيا به
نرۍ جامې ونکړم
باران
لمده کړم اشنا ټوله وليدمه
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بيلتونه
چيرته چې ځی لاړ شه
ګودر ته
مه ځه چې بې تا پاتی شينه
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بې غېر
له تا مې عمر ګران دی
زه به دا
ګران عمر تر کومه تېرومه
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بې ننګه
ننګ راباندې وکړه
سبا مې
ستا په سر پانسۍ ته خېژوينه
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بې وفا
هله راته وايه
چې ته
لوګی شې زه لمبه نه شم مينه
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بېګا مې
مړ په خوب ليدلی
سبا مې
سرو شونډو پتري نيولي وونه
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بېګاه په
خوب کې ژړا راغله
د مينې
يار مې در په در غواړي خيرونه
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بېلتون
په هر چا مېلمه کيږي
ماته چې
راشي نو کلونه تېروينه
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بېلتون د
خلکو د خندا کړم
ځکه هر
وخت گرېوان شلېدلی گرځومه
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بېلتون
دې قدر رامعلوم کړ
اوس به
سلام په دوه لاسه درته کومه
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بېلتون
يواځې په ما ندی
بېلتون
شمال دی هره پاڼه رپوينه
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بېلتون
يوازې په ما ندی
د
بېلتانه د لاسه ډېر فرياد کوينه
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بېلتونه
راشه ستړی مه شې
زړه مې
پښتون دی مېلمه نه خفه کوينه
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بېلتونه
کور دې راته ښايه
د زور دې
نه يم ننواتې به درځمه
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بیا به
منګی ته ګو تی نه کړم
مور د
ګودر د تلو نه ما منعه کوينه
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پاچائي
تخت مې پۀ کار نۀ دی
جانان دې
لوکړي زۀبۀ وږي ټولومه
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پاچائي
تخت مې پۀ کارنۀ دی
مادې
ديارلۀ څنګه نۀ جداکوينه
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پاس
پراسمان راشه رامداره
داسمې
لارې راڼېزونيولې دينه
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پاس
پراوږودې منګی مات شه
چې دسينې
پۀ خوړ دې راشي سېلابونه
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پاس
پربام مه خېژه کوترې
پورته
اسمان کې بۀ شين لمرشرمنده شينه
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پاس په
کمره ولاړه ګله
نصيب د
چا يې اوبه زه درخېژومه
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پاس په
ګودر د پيغلو جنگ شو
د سور
سالو مير منې ما تې ګډوينه
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پاس په
ګودر ولاړه ګله
يا به دې
راوړم يا به مړ درپسې شمه
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پاس په
ګودر ولاړې ګله
نصیب د
چا يې او به زه در خيژومه
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پاس په
هوا راشه جانانه
لارې
کوڅې د غمازانو ډکې دينه
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پاس په
هوا راشه جانانه
د ګودر
لاري راڼيزو نیولی دينه
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پاس پۀ
اسمان کې ډزې وشوې
چاويل
ملوک دی دبدرۍ سلام ته ځينه
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پاس پۀ
اسمان کې ستوري ښکاري
اشناويدۀ
دی مايې وکړل ديدنونه
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پاس پۀ
اسمان کې ستوری زۀ وای
نجلۍ
وېده وای مايې وکړای ديدنونه
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پاس پۀ
اسمان کې ګړزهارشو
جينکۍ
ژاړي کشمالې ږاۍ وهينه
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پاس پۀ
اسمان کې مرحباشوه
محمدوخوت
دالله ديدارته ځينه
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پاس پۀ
بلۍ کوترې راغلې
زۀ پۀ
پوړوديارپوښتنه ترې کومه
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پاس پۀ
بنګله کې فريادخېژې
يارنځوران
دي يامين بېل شوي دينه
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پاس پۀ
تيرااوره بارانه
دپېښورپۀ
برخه سېل دی رابۀ شينه
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پاس پۀ
سينه ځای راته جوړکه
مزل وهلې
ځمکه ځای نۀ راکوينه
-------------------------------
پاس پۀ
کمرۀ ولاړه ګله
نصيب
دچايې اوبۀ زۀ درخېژومه
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پاس پۀ
کمرۀ ولاړې زرکې
بازمې
رنځوردی لۀ خولې وينې تويوينه
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پاس پۀ
ګودردپېغلوجنګ شو
دسورسالومېرمنې
ماتې ګډوينه
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پاس پۀ
هواراشه جانانه
داکوزې
لارې بېلتانۀ نيولې دينه
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پاس د
آسمان ستورو ته ګوره
په تا مې
دومره دي د سپينې خولې پورونه
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پاس
داسمان ستوروته ګوره
پرتامې
دومره دي دسپينې خولې پورونه
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پاکه
مولا که ته يې واخلې
سړی سړی
نه دی په بند يې ناسته يمه
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پالنګ
دسرونالۍ دزرو
ليلادسروزروغنچه
خوب پۀ کوينه
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پالنګ
ديارسره ښۀ ښکاري
نۀ مې
خوښېږي دابې ياره پالنګونه
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پام کوه
واردې خطانۀ شې
دګلوڅانګه
دې پرسرولاړه يمه
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پانسۍ
دزلفوماته راکړه
زۀ
بېلتانۀ پۀ مرګ خوشاله کړم مينه
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پاولی
ديخ سينه دې تخت دی
چې
درنژدې شم زړۀ مې يخ لاندې کوينه
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پتنګ پۀ
خاص څراغ مين دی
ښايسته
خولمردی ځان پرې نۀ کبابوينه
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پتنګ
خويوځل شهيدشوی
افرين
ماته چې مدام سوزم مينه
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پتنګه
خاورې دې پۀ سرشوې
شموته
جوړشوۀ پۀ ښيښوکې مقامونه
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پتڼ پۀ
منځ دبازارراغی
شمعې مخ
پټ کړويلې نۀ دې پېژنمه
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پتڼ لۀ
شمعې پۀ څنګ نۀ ځي
زۀ بۀ
ديارله غمه ولې پرڅنګ ځمه
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پتڼ لۀ
ما نه زده کړه وکړه
ځکه
خپارۀ وزرونه شمعې له ورځينه
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پتڼه
راشه کۀ پرې سوځې
ستاداجل
شمعه پۀ لاس کې ګرځومه
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پټ بۀ
دزړۀ دردونه تېر کړم
بې درده
يارته بۀ ونه وايم حالونه
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پټ بۀ
ديار لۀ غمه ژاړم
پټې بۀ
وينې لړمانۀ ته تېرومه
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پټ بۀ
ديار لۀ غمه ژاړم
چې مې پۀ
درد ظالم خبر نۀ شي مينه
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پټ د
ګودر په غاړه کينه
چې ياره
پټ په پټ وکړو ديدنونه
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پټ
کرمونه درب ډېر دي
جانان ته
وايه وارخطانۀ شې مينه
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پټکی دې
کوږ په وريځو کېده
زه د
همزولو په کتار کې ناسته يمه
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پخوا به
کله کله غم وو
اوس د
غمونو قافلې راسره ځينه
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پر ګودر
څه بلا لګيږی
چې کشر
ورو يې بدرګه ورسره ځينه
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پر ګودر
ګڼي ونی کیږده
چې شا
ليلا منګی په سوری ډکو ينه
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پر ګودر
نښه راته کيږده
د ما زد
يګر اوبو له ځم وا به يې خلمه
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پردېس
ځوانانو سره خوند کړي
چې جنکۍ
په سفر ځي ارمان راځينه
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پرګودر
سپينه سينه اوړی
په لاره
تير يدم ودی ويشتمه
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پرګودر
سور سالو ښکاره شو
ماوې دی
تورو اوبو اورواخيسته مينه
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پرهر
پرهر په توره راشې
چې
پرهرونه دې ګنډم خوله درکومه
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پرېږده
چې خړ سېلاب مې يوسي
په
لامبوزن اشنا مې ډيره نازيدمه
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پرېږده
چې سپي مې غوښې وخوري
بې وفا
ياره در په در دې لټومه
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پرېږده
چې سرو وينو کې رنګ شمه
د نيمې
شپې له ديدن نه کراريدمه
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پلار يې
د بر کلي ملک دی
لور يې د
کوز کلي منګي راډکوينه
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پلاريې
دبر کلی ملک دی
لور يې د
کوز کلی منګی راډکو ينه
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په ا خرت
به لالی غواړم
په دې
دنيا يې ظالمان نه راکوينه
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په اخرت
کې به نارې کړم
چې
ناداني وه په ګناه نه پوهېدمه
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په اوښکو
لوند ګرېوان مې ګوره
ستا له
پېغوره مو رپه کور بند کړی يمه
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په باغ
کې سرې غوټۍ ته وايه
چې تاته
تور کشمالي ډېر سلام کوينه
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په بام
ولاړه يمه زنګېږم
د خوبه
نه يم د يار غم غلطومه
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په بل
وطن کې پيدا نشوې
د نارنج
ګله ننګرهار ته به درځمه
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په بنګو
چرسو مې کار نشته
چي د
جانان په کوڅه تېر شم نشه شمه
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په پتاسو
دې اموخته کړم
اوس د
جوارو ډوډۍ خوند نه راکوينه
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په تصور
مې ځان پاچا کړ
چې سر مې
جګ کړلو ګدا د دونيا ومه
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په تن مې
تور چينجي لګيا شول
زړه
ترېنه ساتم پکې ستا مينه لرمه
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په تناره
مه ورغوړېږه
د وربل
څوکې به دې اور وسوزينه
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په تور
لحد کې به نارې کړم
زه د
دنيا نه ارمانجن راغلي يمه
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په تورو
ټوک ټوک شي مړ مشې
چې
پرهرونه دې ګنډم خوله درکومه
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په تورو
سترګو يې شهيد کړم
تورې
جنډې راباندې ودروئ مينه
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په تُهمت
مه شرمېږه ياره
په ښو
ځوانانو پسې تل وي تُهمتونه
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په جدايۍ
دې خفه نه يم
خفه پدې
يم چې رقيب دې خپلوينه
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په جهان
دوه څيزه مزه کا
يا سپينه
خوله يا د بوړي توپک غږونه
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په څه
خفه په څه جدا شوې
اوس راته
وايه چې توبه ترې اوباسمه
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په خوله
به جنګ درسره وکړم
د زړه
کوڅې به درنه ولې بېلومه
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په خوله
به جنګ درسره وکړم
د زړه
کوڅې درځنې کله بيلومه
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په خوله
به جنګ درسره وکړم
د سترګو لاندې
به زارۍ درته کومه
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په خولې
توبې توبې اوباسم
په تا
مين زړګی توبې نه قبلوينه
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په دا
يوه خبر خوشحال يم
چې خان
غريب به ټول يوې خاورې ته ځينه
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په داسې
خلكودې بدل كړم
چې دعزت
سرمايه بالكل نه لرينه
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په
ديواله مې سر اوچت کړو
جنۍ لګيا
ده ځانله سترګې توروينه
-------------------------------
په زړه
به لويه تيګه کېږدم
جانانه
تانه به يې ورو ورو صبرومه
-------------------------------
په زړه
دې ډېر داغونه راکړل
ستا دجفا
کيسې به چا چا ته کومه
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په زړه
مې غر دګيلو پروت دی
هله به
يې وايم زه دې سر په زنګون ږدمه
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په زنکدن
دې ژبه بند شه
ماته دې
ټول عمر دروغ ويلي دينه
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په زنکدن
کې مې رانغلې
د جنازې
لاندې مې مه ځه مخ تورنه
-------------------------------
په زنکدن
مې راحاضر شه
بيا تر
قيامته پورې نشته ديدنونه
-------------------------------
په زنکدن
مې راحاضر شه
چې په
سلګو کې سترګې تاته واړومه
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په
زيارتونو به جوړ نه شم
ما به د
سپينې خولې ازاد اخيستی وينه
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په ژړا
هغه خلک ژاړي
چې د
محفل ياران يې تورې خاورې شينه
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په سپينه
ږيره راپسې شوې
رب خو دې
مړ کړه د لمسۍ په ځای دې يمه
-------------------------------
په سر دې
کوم غماز ولاړ دی
چې دې
زما غريب يارۍ ته نه پرېږدينه
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په سور
سالو کې ګناه نشته
ګناه
نجلۍ کې ده چې ړنګه بنګه ځينه
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په صبر
صبر پوره نشوه
سبا مې
نيت دې بې صبرۍ ته ملا تړمه
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په صورت
روغ درته ښکاريږم
لکه غنم
د زړه په سر چاودلی يمه
-------------------------------
په غټو
سترګو دې مين شوم
ځکه مې
غټې غټې اوښکې په مخ ځينه
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په غم کې
ستانه کمه نه يم
لېونۍ نه
يم چې به کلي خبرومه
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په کټ کې
سمه شه ځای راکړه
لکه لړم
په دېوالو رااوښتی يمه
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په
کشمالو کې مې حلال کړئ
چې جنازه
مې ښاپيري اوچتوينه
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په کوڅه
تېر شوم ګناهګار شوم
شړنګار
يې خيږي زولنې راته راوړينه
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په کوژدن
شوې مئين مه شې
ته به
ولاړ يې دا به بل ته ودوينه
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په گودر
سور سالو ښکاره شو
ما ويل
دې سپينو اوبو اور واخيست مينه
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په ګودر
څه ټکه لو يدلی
چې کشره
خور يې بدرګه ورسره ځينه
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په ګودر
سور سالو ښکاره شو
ما وېل
دا سپينو اوبو اور واخيست مينه
-------------------------------
په ګودر
سور سالو ښکاره شو
چاوې
سالو دی وچاوې اور ولګيده
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په لاره
تلې کږه وږه شوې
د ډېره
خاله دې زېړ ګل وشرماونه
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په لاره
تلې مخ دې راستون کړو
د ظالم
لورې په ګولۍ دې وويشتمه
-------------------------------
په لښتي
ټوپ کړه بيا راټوپ کړه
چې د
اوربل روپۍ دې ګډې وډې کړمه
-------------------------------
په لوی
ګودر دی څڼی پری ولی
په نری
بادی يې وچوی مين دی کړمه
-------------------------------
په ما دې
ټول کلی خبر کړ
په تا دې
يو دا دا خبر دی زړه دې چوينه
-------------------------------
په ما دې
ځوانه ځواني اور کړه
په تا دې
اور شي د همزولو مجلسونه
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په ما دې
کړې څه بلا ده
چې دې د
در خاورې په جېب کې ګرځومه
-------------------------------
په مخ دې
شړک د زلفو راکړو
ځکه مې
اوښکې د ملالو سترګو ځينه
-------------------------------
په مرک
به دواړه سره مړه شو
ارمان مې
دا دی چې به وړاندې وروسته شونه
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په مرگ
به مړ راپسې نشې
دا لباسي
اوښکې د هر چا په مخ ځينه
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په مرګ
به مرم پاتې به نشم
ګور ته
به يوسم ستا رټلي ځوابونه
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په مرګ
دې نه مري جانان خوږ دی
په رنځ
دې پرېوزي چې پوښتنې له ی ورځمه
-------------------------------
په
مسافرو مې زړه نه سوو
اوس مې
پرې سيزې چې مې يار مسافر شونه
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په
ناعلاجه مرض پروت يم
په اشنا
دوه قدمه ګران دي نه راځينه
-------------------------------
په نيمه
شپه دې بېرې راوړې
بېرې دې
نه خورم ما توتان خوړلي دينه
-------------------------------
په نيمه
شپه راشه جانانه
د زړه
تمبې مې نيمکښو پرې ايښي دينه
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دا لېکنه د خپلو ملګرو او دوستانو سره شریکه کړئ.